जिलाधिकारी एवं पूर्ति अधिकारी को प्रार्थना पत्र सौंप की कोटा हटाने की मांग
उरई। सत्ताइस वर्षों से जमे डकोर विकास खंड की ग्राम पंचायत कपासी के कोटेदार ने सरकार की कवायद की पोल खोलकर रख दी। सरकार सरकारी राशन के वितरण में भ्रष्टाचार व धांधली रोकने के लिए भले ही ईपाश मशीन, आई स्कैनर जैसी तमाम मशीनें लाने की कवायद क्यों न कर रही हो लेकिन जमीनी स्तर पर नतीजा सिफर साबित हो रहा है। उरई सदर तहसील की ग्राम पंचायत कपासी के कोटेदार सुल्तान सिंह कुशवाहा ने सरकार की कवायद की पोल खोलकर रख दी। ईपाश मशीन के द्वारा राशन वितरण होने के बावजूद भी कोटेदार धांधली करने से नहीं चूक रहा है।
शुक्रवार को ग्रामीणों ने कोटेदार के खिलाफ शिकायती पत्र जिलाधिकारी डा. मन्नान अख्तर व जिला पूर्ति अधिकारी योगेंद्र कुमार को देकर दबंग कोटेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कोटा हटाए जाने की मांग की है। गांव के कार्डधारकों का आरोप है कि दबंग कोटेदार कई दिनों पहले से ही ईपाश मशीन में कार्डधारकों से अंगूठा लगवा लेता है। माह में दो बार की जगह एक बार ही राशन मिल पाता है। वहीं कोटा खोलने व बंद करने का कोई समय निर्धारित नहीं है। कपासी व शहपुरा के लोगों को राशन के लिए कई चक्कर काटने पड़ते हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि राशन को लेकर कोई भी कोटेदार से कुछ कहता है तो उसको गालीगलौज करके भगा दिया जाता है। जब ग्रामीणों के आरोपों को लेकर ग्राम पंचायत के कोटेदार से बात की गई तो कोटेदार ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए बताया कि राशन वितरण में किसी भी तरीके की कोई धांधली नहीं की जाती है।
मानक से अधिक वसूले जाते पैसे
ग्रामीणों ने बताया कि राशन सामग्री चाहे बीस किलो हो या तीस किलो हो कोटेदार प्रति राशन कार्ड पर कार्डधारक से सौ रुपए लेता है। कई कार्डधारकों को अभी तक राशन कार्ड ही नहीं दिया गया है। जो लोग दो से तीन सौ रुपए तक देते हैं उन लोगों के ही राशन कार्ड दिए गए हैं।
बोले जिम्मेदार
जब इस पूरे मामले को लेकर जिला पूर्ति अधिकारी योगेंद्र सिंह यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनसे किसी ग्रामीण द्वारा कोटेदार के खिलाफ शिकायत नहीं की गई है अगर इस तरह का मामला है तो टीम गठित करके जांच की जाएगी। जांच में कोटेदार दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।






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