
अनाज बैंक का काम गरीब महिलाओं को अनाज उपलब्ध करवाना मात्र नहीं है बल्कि उनका सर्वांगीण विकास करना भी है. समय-समय पर अनाज बैंक बुन्देलखण्ड के क्षेत्रीय कार्यालय उरई द्वारा महिलाओं का सहयोग किया गया है. इस कदम का लाभ अनेक महिलाओं को प्राप्त भी हुआ है. इसी कड़ी में अनाज बैंक उरई शाखा द्वारा इस बार निर्णय लिया गया है कि वह अपनी शाखा की निकासी खाताधारक महिलाओं को तम्बाकू-गुटके की लत से मुक्त करवाए. उक्त विचार अगस्त माह के वितरण के अवसर पर अनाज बैंक निदेशक डॉ० अमिता सिंह ने व्यक्त किये. उन्होंने आगे कहा कि यदि एक महिला एक दिन में कम से कम पाँच रुपये का गुटका, तम्बाकू खा लेती है तो पूरे महीने में वह डेढ़ सौ रुपये का गुटका खा लेती है. गुटका छोड़ने से होने वाली बचत के द्वारा वह महिला बैंक द्वारा दिए जाने वाले पाँच किलो आटे का प्रबंध स्वयं कर सकती है. उन्होंने वितरण के दौरान प्रत्येक महिला को तम्बाकू से होने वाले नुकसान के बारे में बताया. इस अवसर पर बहुत सी महिलाओं ने गुटका, तम्बाकू छोड़ने की शपथ ली.
अनाज बैंक महाप्रबंधक और विशाल भारत संस्थान मीडिया प्रभारी डॉ० कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने कहा कि निकासी खाताधारक महिलाओं के लिए एक नियम अब यह भी बना दिया गया है कि जो महिला गुटका अथवा तम्बाकू का सेवन करती है, उसे अनाज बैंक का सदस्य नहीं बनाया जायेगा. वर्तमान में ऐसी महिलाएं जो गुटका खाती हैं और बैंक की सदस्य हैं यदि वे गुटका खाना बंद नहीं करेंगी तो जल्द ही उनका खाता बंद कर दिया जायेगा.
जन्माष्टमी का पावन पर्व होने के शुभ अवसर पर इस माह के वितरण में नियमित रूप से दिए जाने वाले पाँच किलो आटा के साथ-साथ एक किलो शक्कर भी प्रदान की गई. इस वितरण अवसर पर शाखा प्रबंधक धर्मेन्द्र कुमार, समर्थ गुप्ता, रोहित ठाकुर, रागिनी सहित उदयश्री, चंदा, मुन्नी देवी, गंगावती, शकीला, रामवती, हमीदन, धनकुरा आदि अनेक लाभार्थी महिलाएं उपस्थित रहीं.






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