प्रिन्स द्विवेदी
माधौगढ़- निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई है लेकिन अभी तक किसी भी पार्टी ने प्रत्याशी घोषित नहीं किए। महज 7 दिन का वक़्त है सभी राजनैतिक दलों के पास प्रत्याशियों की घोषणा करने को,क्योंकि 11 से 17 अप्रैल तक नामांकन है।
भाजपा अपने निर्वतमान चैयरमेन पर दांव खेल सकती है,लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं से लेकर सजायतीय बिरादरी में काफी विरोध है। 5 वर्ष के कार्यकाल में कार्यकर्ताओं की वजाय खुद का और पार्टी की भिन्न विचारधारा वाले ठेकेदारों का ही विकास हुआ है। निकाय चुनाव प्रभारी बाबा बालकदास पाल के सामने पूर्व की बैठकों में जिस तरह कार्यकर्ताओं ने भ्रष्टाचार और गौशाला में गायों के मरने का मुद्दा उठाकर सवाल उठाए,उससे लगता नहीं पार्टी इतनी नाराजगी को लेकर टिकट देने पर जल्दबाजी करेगी। वहीं ब्राह्मण चेहरे में राघवेन्द्र व्यास का नाम है,जिन्हें पार्टी प्रत्याशी बना सकती है बशर्ते जातिगत फ़ार्मूला अनुकूल बना रहे। आनन्द गुप्ता संघ में अपने पिता के किये गए त्याग को लेकर प्रत्याशी हैं,पर वह कार्यकर्ता की वजाय ठेकेदार हैं,जो भाजपा के ही नहीं भाजपा के बुरे दौर में सभी दलों के लोगों के खास रहे हैं। क्षत्रिय में संघ लॉबी से सुनील तोमर की मजबूती से लामबंदी हैं,तो विधायक गुट से जितेंद्र सिंह का नाम है।
बसपा में आलोक मिश्रा और रघुवीर शरण उर्फ राजू महतेले मजबूत पैरोकारी में हैं। वैश्य वर्ग से मनोज चौधरी के फिर से सक्रिय होने के कारण सपा का माहौल बदल गया है। बड़े नेताओं की पहली पसंद मनोज चौधरी हैं। उसके बाद दीपा सिंह और विष्णु प्रताप सिंह हैं। नए जिलाध्यक्ष दीपराज के सामने सभी दावेदारों ने अपनी ताकत दिखाई। अब कौन सी पार्टी पहले टिकट करती है,उसी से सबके समीकरण बनेंगे और बिगड़ेंगें। अगर सपा ने पहले वैश्य किया तो भाजपा और बसपा नहीं करेगी,बसपा ने अगर पहले ब्राह्मण का कर दिया तो भाजपा वैश्य को करेगी। ‘पहले कौन’ होने के बाद टिकटों के नाम दिलचस्प होते जायेंगें।







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