कालपी-उरई।
महान समाज सुधारक ज्योतिबा फुले की जंयती के अवसर पर मंगलवार को बुन्देलखण्ड दलित अधिकार मंच व विभिन्न संगठनों के लीडरों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित हुयी जिसमें उठेगें भारत के वास्ते-ज्योतिबा फुले, अम्बेडकर व संविधान के रास्ते का नारा लगाया गया। 14 अप्रैल को बाबा साहब अम्बेडकर की जंयती पर गांव गांव में लोगों को संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान चलाने की घोषणा की गयी।
बैठक में उपस्थित लोगों ने इस बात पर क्षोभ प्रकट किया कि गांवों में स्थापित बाबा साहब की मूर्तियों के आस पास जमा गंदगी को हटाने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके लिए जिम्मेदारों पर दबाव बनाने की जरूरत है। राजेश गौतम, विमल बौद्ध, राजकुमार जाटव, कृष्ण कुमार प्रजापति, रामकुमार, संजय बाल्मीकि, अजीत, प्रेम नारायण पाल व राम सिंह ने कहा कि जिले भर में लगी बाबा सहाब की मूर्तियों को सूचीबद्ध किया जाना चहिए साथ ही उनका सुन्दरीकरण किया जाना चाहिए। रीता व कंचन वर्मा ने सामाजिक बदलाव के लिए गांव गांव में लोगों को ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई फुले और बाबा साहब डा0 अम्बेडकर के विचारों व मिशन के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
इस दौरान प्रदीप मोरे ने कहा कि संविधान के बारे में जान जागरूकता की प्रक्रिया तेज करनी होगी। बुन्देलखण्ड दलित अधिकार मंच के संयोजक कुलदीप कुमार बौद्ध ने कहा कि गांव गांव में लगी सभी अम्बेडकर मूर्तियों का सर्वेक्षण कर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की जायेगी। इस दौरान लक्ष्मी प्रजापति, रिचा, दीपना, राधा, विक्रम, धर्मपाल राजपूत, अंजली, अलका भारती सहित दर्जनों सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।







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