राहुल जयंती से इप्टा ने चलाई सांस्कृतिक यात्रा ,बाबा साहेब की जयंती पर होगा समापन

उरई | गत दिवस उरई इप्टा ने परंपरा से हटकर राहुल सांकृत्यायन की जयंती मनाई ! जिले में इप्टा के प्रेरणा पुरुष रहे वैज्ञानिक समाजवाद के पुरोधा ठाकुर प्रसाद वैद्य की शताब्दी वर्ष को यह आयोजना समर्पित की गयी |

इसी क्रम में 9 अप्रैल को वैज्ञानिक चेतना के महामनीषी राहुल सांकृत्यायन की जयंती से 14 अप्रैल समता मूलक समाज के संविधान शिल्पी बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की जयंती तक जिले से स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े स्थलों की सांस्कृतिक यात्रा निकाली जा रही है  जिसका उद्देश्य जनता के बीच जनगीतों के जरिए बुद्ध,  कबीर,  नानक , भगतसिंह के विचार उनके प्रेम और बलिदान का संदेश पहुंचाना है !

9 अप्रैल की सुबह आठ बजे उरई इप्टा की टीम में राजपप्पन , डॉ सुभाष चन्द्रा , दीपेंद्र सिंह ,प्रदीप कुमार और देवेन्द्र शुक्ला मोटर साइकिलों पर इप्टा के झंडे लहराते हुए जिले के सीमांत गांव महेश पुरा के लिए रवाना हुए जहां लगभग अस्सी साल पहले राहुल सांकृत्यायन ने आर्य समाज के प्रचार लिए कई माह प्रवास किया था !

रास्ते में हरदोई गूजर में कामरेड विजय सिंह,  भारत सिंह , वरिष्ठ पत्रकार बृजबिहारी यादव आदि ने सांस्कृतिक यात्रा का स्वागत किया और साथ में कोंच के लिए रवाना हुए ! कोंच से इप्टा के जिला संयोजक अनिल वैद्य के नेतृत्व में सांस्कृतिक यात्रा महेश पुरा पहुंची ! पहुंचने पर यह जानकर आश्चर्य हुआ कि गांव की युवा पीढ़ी को विश्व स्तर के विद्वान राहुल सांकृत्यायन का नाम तक मालूम नहीं था !

तभी एक लगभग 95 वर्षीय बुजुर्ग ने गांव में राहुल सांकृत्यायन के प्रवास की पुष्टि की ! उन्होंने बताया कि पहारिया परिवार वर्षों पहले गांव से पलायन कर चुका है ! मकान में मुलायम सिंह का परिवार रहता है ! हम लोग पहारिया परिवार के पुस्तैनी आवास पर पहुंचे ! सांस्कृतिक यात्रा टीम को देख कर वहां बड़ी संख्या में ग्रामीण जुट गये ! उनके बीच इप्टा की टीम ने जनगीत गाये और गांव में आने का उद्देश्य बताया ! तब गांव वाले हमें एक किलोमीटर के डरावने दुर्गम रास्ते से पहूज नदी के किनारे प्राचीन संस्कृत पाठशाला तक ले गये जहां बृम्हानंद पहारिया की समाधि और भग्नावशेष के रूप में चूना पत्थर से निर्मित दरका हुआ वह कक्ष मिला जहां कर राहुल सांकृत्यायन का आश्रय किया था  !

सघन जंगल और ऊंची नीची खाइयों के बीच यह स्थान किसी महान ऋषि की तपोस्थली सा लग रहा था ! गांव वालों ने पास में ही प्राकृतिक जल स्रोत दिखाये जिनसे से अनवरत स्वच्छ शीतल जल निकल रहा था ! सांस्कृतिक यात्रा टीम को गांव के बुजुर्ग पूर्व स्वास्थ्य कर्मी अश्विनी कुमार मिश्र ने जहां राहुल सांकृत्यायन के प्रवास के बारे में विस्तार से बताया वहीं पूर्व प्रधान अजमेर सिंह ने अपने आवास पर सभी संस्कृत कर्मियों का चाय पिलाकर स्वागत किया

यात्रा में प्रमुख रूप से रघुवीर सिंह , गिरवर सिंह सत्येन्द्र सिंह जगदीश सिंह , देवेंद्र सिंह उदय करन सिंह कुंवर बहादुर सिंह परशुराम हाकिम सिंह , उमेश सिंह , धर्मेन्द्र सिंह , रिचा सिंह आकाश सिंह पवन सिंह , राधा प्रसांत , शिववीर हेमंत पिंकू प्रदीप सिंह विकास सिंह दशरथ राम कुमार इंद्रजीत सिंह सोनू सिंह ज्ञानेंद्र सिंह आदि शामिल रहे ! लौटते हुए जुझारपुरा , पचीपुरी , चमरौआ आसूपुरा जगन पुरा , अवधेश पुरी आदि गांवों मे संपर्क एवं संवाद करते हरदोई गूजर पहुंचे जहां उत्तम सिंह चतुर सिंह आदि ने सांस्कृतिक यात्रा का गर्मजोशी भरा स्वागत किया !

 

 

 

 

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