उरई।
ग्राम पंचायत भवन कुकरगांव विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन जिला सेवा प्राधिकरण की सचिव रेनू यादव की अध्यक्षता में किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में कुटुम्ब न्यायाधीश अमृत शुक्ला उपस्थित हुयीं जिन्होंने कहा कि गर्भ में पल रही बालिका को भी जन्म लेने का अधिकार है इसलिये उसे गर्भ में न मारें। उसे भी सम्मान से जन्म लेने दें और लड़कों की तरह उसकी पढ़ाई लिखाई बेहतर तरीके से करायें व सारे अधिकार और सुविधायें दें। बेटी भी मां बाप के नाम को रोशन कर सकती है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव रेनू यादव ने बताया कि हमारे देश में लिंग चयन, प्रसवपूर्व और प्रसवोपरांत कन्या भू्रण हत्या रोकने के लिये पीसी, पीएनडीटी एक्ट को लागू किया गया है जिसके दायरे में अल्ट्रासाॅउण्ड सेन्टर भी आते हैं। अतः इस मामले में गुस्ताखी नहीं की जानी चाहिये।
उन्होेंने कहा कि गर्भस्थ शिशु की हत्या न केवल वैधानिक अपितु सामाजिक और शास्त्रीय रूप से भी अपराध है और पाप की श्रेणी में आता है। इसलिये इससे बचाव की आवश्यकता है।
प्राथमिक स्वास्थ्य के प्रतिनिधि डा. इदरीश मुहम्मद ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा के स्तर में असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि है। गर्भाशय ग्रीवा महिला प्रजनन प्रणाली का हिस्सा है और गर्भ के निचले हिस्से में स्थित है। इस कैंसर को बच्चेदानी के कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। नायब तहसीलदार विजय सिंह, डा. दीपक प्रजापति, प्रबंधक राजकीय विद्यालय उरई से जितेन्द्र कुमार सिंह, बाल विकास परियोजना अधिकारी देवेन्द्र कुमारी, प्रोबेशन विभाग के प्रतिनिधि सुरेश कुमार, जन साहस सामाजिक संस्था से नंद कुमार ने विभागीय योजनाओं को विस्तार से बताया। इस अवसर पर ग्राम प्रधान पुष्पलता, प्रधान पति अनिल कुमार, पीएलवी करन सिंह यादव, धर्मेन्द्र कुमार समेत दर्जनों ग्रामीण उपस्थित रहे।







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