मौत के साये में जर्जर विद्यालय भवन में पढ़ते बच्चे, छत का प्लास्टर गिरने से बाल बाल बचे


सिरसाकलार-उरई।
ब्लाॅक कुठौंद के जहटौली प्राथमिक विद्यालय  का भवन पिछले कई वर्षों से जर्जर हालत में पहुंच गया है लेकिन फिर भी इसकी मरम्मत के लिये अभी तक सुनवायी नहीं हुयी जिसके कारण आज इसके लेंटर का प्लास्टिक मोटे मोटे खपरों के रूप में गिर पड़ा। गनीमत यह रही कि कोई शिक्षक या बच्चा इसकी चपेट में नहीं आ पाया।
मालूम रहे कि जहटौली में प्राथमिक विद्यालय और उच्च प्राथमिक विद्यालय एक ही परिसर में चल रहे हैं। मंगलवार को सुबह लगभग सवा 11 बजे जब इंटरवैल में बच्चे कमरे के बाहर आकर मिड्डेमील खा रहे थे और दोनों विद्यालयों के शिक्षक भी पीछे वाले कक्ष में जीम रहे थे तभी अचानक लेंटर का प्लास्टर मोटे खपरे के रूप में टेबल पर गिरा जिससे बच्चे प्रभावित होने से बच गये।
लेंटर का प्लास्टर गिरने की आवाज सुनकर अभिभावक और अन्य ग्रामीण दौड़कर विद्यालय पहुंचे और इस पर काफी नाराज हुये। उनका कहना था कि ऊपर वाले ने ही हमारे बच्चों की जान बचा ली वरना कुछ भी हो सकता था।
उधर प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका शमीम अख्तर शेख ने बताया कि विद्यालय की जर्जर स्थिति की जानकारी बीआरसी से लेकर जिला तक भेजी जा चुकी है। उच्च प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग अभी नई बनी है जिससे उसकी कक्षायें भी इसी भवन में लगतीं हैं। विद्यालय भवन में वर्तमान में केवल दो एकल कक्ष हैं तो सवाल उठता है कि दो विद्यालयों के बच्चे इसमें कैसे पढ़ सकते होंगे।
अभिभावक महेश, गजेंद्र, उदयभान, शिवेन्द्र का कहना था कि स्कूल भवन का नारा कैसे सफल हो सकता है जबकि इतने असुरक्षित भवन में क्लास चलती हों। अभिभावक तो बच्चा जब तक स्कूल में पढ़कर सकुशल घर नहीं लौट आता तब तक इस हालात केे कारण फिक्र में ही डूबा रहता है। ऊपर से तुर्रा यह है कि विद्यालय भवन के ऊपर से 11 हजार वोल्टेज की लाइन निकली है जिसके चलते भी विद्यालय पर हमेशा खतरा मंडराता रहता है।

Leave a comment

I'm Emily

Welcome to Nook, my cozy corner of the internet dedicated to all things homemade and delightful. Here, I invite you to join me on a journey of creativity, craftsmanship, and all things handmade with a touch of love. Let's get crafty!

Let's connect

Recent posts