उरई।
गत दिवस हदरूख के शहीद स्मारक पर आयोजित कारगिल विजय दिवस के आयोजन में अहम भूमिका निभाने वाले सेवानिवृत्त हवलदार आशुतोष प्रजापति अपने समाजसेवी कार्यो के कारण सुर्खियों में छाते जा रहे हैं।
उक्त अवसर पर उन्होंने ओजस्वी संबोधन देकर उपस्थित लोगों की आंखे नम कर दी थीं। उन्होंने बताया था कि 26 जुलाई 1999 को जब भारतीय सेना ने कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठियों द्वारा कब्जा की गयीं सभी सैन्य चैकियों पर फिर से अपना अधिकार बहाल कर लिया था उस दिन आॅपरेशन विजय को सफल घोषित किया गया। इस युद्ध में भारत के 527 वीर जवान शहीद हुये थे और 1363 जवान घायल हो गये थे। दूसरी ओर जबावी कार्रवाई में 700 पाकिस्तानी सैनिक हलाक कर डाले गये थे। यह शौर्य अविस्मरणीय रहेगा।
ध्यान रहे कि सीमाओं से वापिस लौटने के बाद समाज की मुख्य धारा में आकर भी आशुतोष प्रजापति कभी घर नहीं बैठे। वे परोपकारी कार्यों में निष्काम भाव से जुटे रहते हैं और वृक्षारोपण, पर्यावरण रक्षा, छूटे हुये बच्चों को स्कूल पहुंचाने आदि रचनात्मक कार्यों में भी पूरे उत्साह से जुटे रहते हैं।







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