
उरई | रविवार को नगर के एक सभागार में उपजा (जीसी) के तत्वावधान में स्तंभकार के पी सिंह के पत्रकारिता जगत में 45 वर्ष पूर्ण होने पर शब्द मंथन संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान विभिन्न स्थानों से आए साहित्यकारों, पत्रकारों ने अपने अपने विचारों के माध्यम से पत्रकारिता के सिद्धांत एवं समाज की आवश्यकता जैसे विषयों पर विचार रखें। कार्यक्रम में शब्द मंथन स्मारिका का भी विमोचन किया गया जिसमें तमाम कलमकारों के लेख संकलित हैं।
दीप प्रज्वलन एवं अतिथि सम्मान के बाद शुरू हुई संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुये बाबा साहब अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के आचार्य प्रोफेसर रिपुसूदन सिंह ने कहा कि हर व्यक्ति को जीवन में अपने विचार और सिद्धांत निर्धारित करने चाहिए। इन्हीं को आधार बनाकर वह अपनी इस जीवन रूपी साधना को लंबे समय तक चला सकता है। जालौन जनपद के पी सिंह के रूप में इस बात का गवाह है कि यहां पर सैद्धांतिक रूप से जीने वाले लोग भी रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञान तो सभी के पास है पर समझ कम ही लोगों के पास होती है। इस समझ के अनुपम भंडार हैं के पी सिंह। जिनसे मैं भी अक्सर विभिन्न विषयों पर चर्चा करता रहता हूं। प्रो.सिंह ने कहा कि 80 के दशक में के पी सिंह द्वारा इस क्षेत्र की प्रमुख समस्या दस्यु चहल कदमी पर जिस प्रकार का कवरेज और लेखन किया गया वह राष्ट्रीय स्तर पर तमाम अखबारों और पत्रिकाओं में छपा उस प्रकार का लेखन शायद ही किसी ने किया होगा। प्रोफेसर सिंह ने तमाम संस्मरण के माध्यम से वरिष्ठ पत्रकार केपी सिंह की प्रतिभा को उपस्थित अतिथियों के मध्य रखा और आज की पत्रकार पीढ़ी को उनसे प्रेरणा लेने का आवाहन किया। कार्यक्रम में बोलते हुए विशिष्ट अतिथि डा.उत्कर्ष सिन्हा संपादक के न्यूज़ एवं जुबली पोस्ट ने कहा कि जिस प्रकार उन्होंने इस क्षेत्र के लिए जमीन नहीं छोड़ी उसी प्रकार वह है खबरों में भी किसी को नहीं छोड़ते हैं। पत्रकार को निष्पक्ष होने के विषय पर उन्होंने अपना अद्भुत तर्क रखा और कहा कि पत्रकार निष्पक्ष नहीं हो सकता है उसे जनपक्ष तो होना ही होगा। जब तक जनता का सरोकार संज्ञान में लेकर वह पत्रकारिता नहीं करेगा तब तक वह सही मंजिल नहीं पा सकता। डॉ सिन्हा ने कहा कि अखबार छोटा बड़ा नहीं होता तेवरों का बड़ा होना जरूरी है। वक्ताओं के क्रम में सहायक आचार्य लखनऊ विश्वविद्यालय डॉ रविकांत चंदन ने कहा कि पत्रकार को हमेशा सत्ता से सवाल पूछना चाहिए। उसे आंख में आंख डालकर ही बात करनी होगी तभी वह जनता के हितों का ख्याल रख पाएगा उन्होंने इस प्रकार के सिद्धांत के लिए के पी सिंह की सराहना की। रविकांत ने कहा कि के पी सिंह आजकल प्रलोभनों में आने वाले नहीं रहे यही कारण है कि उन्होंने यहां रहते हुए भी अपना नाम कमाया। श्री सिंह पत्रिका का जगत के सशक्त हस्ताक्षर हैं। संगोष्ठी में बोलते होंगे साहित्यकार सत्यवान ने कहा कि आज जिस प्रकार से सरकारों के दबाव में मीडिया को माना जा रहा है मगर उसमें भी तमाम अपवाद हैं उन्हीं अपवादों श्री सिंह का नाम आता है। डॉ चंदन ने कहा कि हर पत्रकार को समय समय पर आतत्मालोचन करते रहना चाहिए। संगोष्ठी में अपने विचार रखते हुए उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जी सी श्रीवास्तव ने कहां की सरस्वती पुत्र केपी सिंह के इस सम्मान को देखकर आज मन गदगद हो गया है। ऐसे सम्मान हमारे कलम कारों को प्रोत्साहित करते हैं। आपको चाहिए कलमकारों को समय-समय पर इसी प्रकार से अलंकृत किया जाता रहे। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि उपजा हर पत्रकार की लड़ाई और उनके हितों के संरक्षण के लिए हमेशा ही संघर्षरत रहती है। समय-समय पर विभिन्न स्तरों से पत्रकारों समस्याओं के निराकरण के लिए ही प्रयास करती है। उन्होंने ने कहा कि कुछ स्वार्थी एवं आधार ही लोग उपजा को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं यह संभव नहीं है। पत्रकारों के हित का संघर्ष अब तक होता आया है आगे भी होता रहेगा। उन्होंने जिले की कार्यकारिणी को ऐसे की बधाई दी। संगोष्ठी में अध्यक्षता कर रहे जिले के वरिष्ठ साहित्यकार यज्ञ त्रिपाठी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि केपी ने अपनी लेखनी के माध्यम से जनपद का नाम रोशन किया है। उनकी इस अद्भुत क्षमता से यह जनपद लाभान्वित हुआ है। संगोष्ठी वरिष्ठ पत्रकार स्तंभकार केपी सिंह ने अपने विचारों के माध्यम से सभी अतिथियों का आभार एवं कार्यक्रम की रूपरेखा से लेकर इसकी संपन्नता तक लगे रहे पत्रकार साथियों की सराहना की। कार्यक्रम के अंत सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। इसके अतिरिक्त 45 वर्ष की विराट पत्रकारिता के यात्रा पूरी करने वाले पत्रकार के पी सिंह को पत्रकार देवेंद्र त्रिपाठी, सुनील शर्मा, सुधीर त्रिपाठी अचल शर्मा, स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। कार्यक्रम दौरान उपजा के पदाधिकारियों को कार्ड वितरित भी किए गए। जिला अध्यक्ष को उपजा चल शर्मा द्वारा सभी कार्यकारिणी सदस्यों को आभार व्यक्त किया गया।
कार्यक्रम का संचालन शायर शफीकुर्रहमान कश्पी ने किया।
कार्यक्रम के दौरान चौधरी जयकरन सिंह निरंजन एडवोकेट, कुंवर जयप्रकाश सिंह जादौन एडवोकेट, रामशंकर छानी प्रधानाध्यापक, सुशील कुमार पांडेय एडवोकेट, बलवान सिंह (मुन्ना यादव) संयुक्त रूप से वरिष्ठ पत्रकार के. पी. सिंह को अंगवस्त्र व स्मृति चिंह भेंटकर सम्मानित किया।
इस दौरान संरक्षक मंडल में देवेंद्र त्रिपाठी, सुधीर त्रिपाठी, सुनील शर्मा, विमल पांडेय, राकेश द्विवेदी, मुकेश उदैनिया, सत्येंद्र पस्तोर सहित प्रमुख रूप से शिक्षक नेता अशोक राठौर, एल्ड्रिच स्कूल के प्रबंधक अजय इटोरिया, डॉ सी पी गुप्ता, भाजपा नेता आशीष मिश्रा, शिक्षक नेता गिरेन्द्र सिंह,संजय दुवे पत्रकार देवीशरण बादल अगिनचरण उरई, वरिष्ठ पत्रकार नीरज बंसल, राजाराम ब्यास, रामकृष्ण शुक्ला, भाकियू नेता राजवीर सिंह जादौन, अशोक गुप्ता, सुरेन्द्र सिंह राजावत, कर्मयुग प्रकाश के संजय गुप्ता, गजेन्द्र सिंह चौहान कालपी, नरेन्द्र तिवारी कालपी, अशोक द्विवेदी, का. देवेंद्र शुक्ला, राजेंद्र उपाध्याय कोंच, अवधेश सिंह चौहान, भीमसिंह यादव मौखरी, अफसर खान, भाजपा नेता शम्भूदयाल, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह दादी, कांग्रेसी नेता अशोक दुबे, रामचरण जाटव,पूर्व विधायक कप्तान सिंह राजपूत सहित सैकड़ों पत्रकार और गणमान्य लोग उपस्थित रहे।







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