उरई।
निर्धन व निराश्रित वादकारियों को मुकदमों में सक्षम वकीलों की निशुल्क सहायता उपलब्ध कराने की योजना की समीक्षा के लिये विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव रेनू यादव ने इस हेतु नियुक्त पैनल में शामिल अधिवक्ताओं के साथ बैठक की।
जिला दीवानी न्यायालय परिसर में आयोजित इस बैठक में रेनू यादव ने निर्देश दिये कि पैनल अधिवक्ताओं को प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह में अपनी रिपोर्ट दाखिल करना होगा। इसमें हीला हवाली सहन नहीं की जायेगी। उन्होंने इस बात पर अप्रसन्नता प्रकट की कि उनके द्वारा रिपोर्ट जमा न की जाने से वस्तु स्थिति का पता नहीं चल पा रहा है और हाईकोर्ट को फीड बैक पहुंचाने में बाधा आ रही है।
वैवाहिक विवादों को मुकदमा पूर्व सुलह प्रक्रिया से निस्तारित कराने के लिये अधिकाधिक संख्या में ऐसे वाद विधिक सेवा प्राधिकरण को संदर्भित कराने के प्रयास किये जायें। विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव ने कहा कि इसी प्रकार विभिन्न न्यायालयों में चल रहे सुलह योग्य मुकदमों को भी मध्यस्थता केन्द्र को रेफर कराने का तीव्र प्रयास किया जाना चाहिए। टेली ला प्रोजेक्ट के अन्तर्गत न्यायबन्धु एप के माध्यम से निर्धन व असहाय वर्ग के अधिक से अधिक व्यक्तियों को विधिक सहायता प्रदान करने के लिये प्रतिदिन कम से कम 4 घंटे का समय देने को वकीलों से कहा गया। बैठक में पैनल अधिवक्ता रामजी, अब्दुल रहमान खान, राजकुमारी निषाद, साधना त्रिपाठी एवं मंजूलाल याज्ञिक आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।







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