उरई।
बुन्देलखण्ड यूनिवर्सिटी स्ववित्त पोषित महाविद्यालय एसोसिएशन ने छात्रों के प्रवेश के संबन्ध में बड़ी लड़ाई जीत ली है। यह जानकारी देते हुये एसोसिएशन के अध्यक्ष आशीष मिश्रा ने बताया कि 56 महाविद्यालयों के छात्र छात्राओं का प्रथम सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम रोक दिया गया था जिस कारण ये छात्र छात्रायें न तो अग्रिम प्रवेश ले पा रहे थे और न ही उनको गत वर्ष की परीक्षा में बैठने का अवसर मिल रहा था।
इस बीच एसोसिएशन के एक प्रतिनिधि मण्डल ने उच्च शिक्षा मंत्री और प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा से लखनऊ में मुलाकात की। लेकिन वहां संगठन के हाथों निराशा लगी और शासन के स्तर से महाविद्यालयों के विरोध में निर्णय दे दिया गया। जिससे इन महाविद्यालयों के छात्र छात्राओं के भविष्य पर संकट छा गया। आखिरकार एसोसिएशन के अध्यक्ष आशीष मिश्रा ने तमाम महाविद्यालयों से मिलकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी। 5 माह की सुनवाई के बाद शुक्रवार को उच्च न्यायालय का फैसला महाविद्यालयों के पक्ष में आ गया है।
छात्र छात्राओं के भविष्य को देखते हुये उच्च न्यायालय ने विश्वविद्यालय को कड़े शब्दों में निर्देशित किया कि छात्र छात्राओं का परीक्षा परिणाम तत्काल प्रभाव से घोषित करके उन्हें अग्रिम कक्षा में प्रवेश दिलायें और उन्हें परीक्षा में सम्मिलित करने की प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से करें। स्ववित्त पोषित महाविद्यालय के अध्यक्ष आशीष मिश्रा ने कहा है कि एक वर्ष की लंबी लड़ाई के बाद माननीय उच्च न्यायालय के फैसले से हमारी जो जीत हुयी है वह सभी साथियों की जीत है जिसके लिये यह जीत वे महाविद्यालय के प्रबंधक और छात्र छात्राओं को अर्पित करते हैं। उन्होंने इसके लिये अपनी टीम के सदस्यों इमरान अहमद, गौरव द्विवेदी, राहुल पाठक, अवनीश अवस्थी, सुनील सिंह सभी को बधाई दी और कहा कि बुन्देलखण्ड यूनिवर्सिटी स्ववित्त पोषित एसोसिऐशन (बीयूएसएमए)। इसी तरह महाविद्यालयों के हित में तत्परता से लड़ाई लड़ती रहेगी।







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