उरई।
लगभग एक पखवारे पहले कोतवाली क्षेत्र में तुलसीनगर मुहल्ले में रह रहे निकटवर्ती कुठौंदा गांव के पूर्व प्रधान संजय राजपूत को गोलियों से भूनने के प्रयास की सनसनीखेज घटना की जांच में उसकी पत्नी की चौंकाने वाली मुख्य भूमिका प्रकाश में आयी है। जिसके लिये उसे और तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है जिनके जरिये घटना का पूरा विवरण पुलिस के सामने आया जो पीड़ित की पत्नी के ही शामिल होने के कारण बेहद पेचीदा साबित हो रहा था। इस प्रकरण में अभी चार और आरोपियों की गिरफ्तारी शेष होने की जानकारी पुलिस द्वारा दी गयी है।
खास बात यह है कि इस ब्लाइंड केस की गुत्थी सुलझाने में सबसे बड़ी मदद आॅपरेशन त्रिनेत्र के तहत लगवाये गये सीसीटीवी कैमरों के फुटेज से मिली। पुलिस ने लगभग डेढ़ सौ फुटेज खंगाले जिनसे हमलावरों के चेहरे पहचानने के लिये भारी मशक्कत की गयी। अपर पुलिस अधीक्षक असीम चैधरी ने इस बारे में बुलाई गयी मीडिया वार्ता में बताया कि पीड़ित संजय राजपूत और उसकी पत्नी अंजली के बीच आये दिन कलह मचा रहता था जिससे पत्नी काफी परेशान होकर संजय से प्रतिशोध लेने पर आ गयी थी। इसी दौरान उसने अपने मायके भांडेर के रहने वाले उपेन्द्र कुमार यादव उर्फ मोनू का सहारा लिया जो विद्यार्थी जीवन से उसका अत्यंत स्नेही मित्र था। उसने मोनू से पति संजय से हमेशा के लिये छुटकारे में उसका अंत कराने हेतु मदद मांगी। मोनू ने 8 लाख रूपये की सुपारी इसके लिये देने की बात जिला दतिया के थाना पंडोखर निवासी विनोद केवट, इसी थाने के मुहल्ला काजीपाठा निवासी जितेन्द्र केवट और जनपद झांसी के समथर के निवासी रविन्द्र माली उर्फ ड्राइवर से की। इनके साथ विनोद केवट ने अपने रिश्तेदारों अवधेश उर्फ रवि और जितेन्द्र जो कि दोनों आपस में सगे भाई हैं को और समथर के ही निवासी बृंदावन केवट को भी शामिल कर लिया। बात पक्की होने पर इन लोगों को 4 लाख रूपये एडवांस दे दिया गया था जबकि 4 लाख रूपये काम हो जाने के बाद देने की बात तय की गयी थी। विनोद, जितेन्द्र और रवि माली प्लान के मुताबिक 12 अगस्त को सुबह घात लगाकर मुहल्ला तुलसीनगर में खड़े हो गये और जैसे ही संजय राजपूत घूमने के लिये निकले उन्होंने उन पर गोली चला दी जिसमें संजय राजपूत घायल होकर गिर पड़े। उनका काम तमाम समझ हमलावर भाग निकले। इस बीच संजय के परिजन और मुहल्लेवाले निकल आये उन्होंने संजय को आनन फानन अस्पताल पहुंचाया जहां से उन्हें बार रिफर कर दिया गया बताया गया है कि अब संजय की हालत खतरे से बाहर है। बाद में सीसीटीवी कैमरों के फुटेज से हमलावर ट्रेस किये गये और इस प्रयास में आखिरकार पुलिस को इन तक पहुंचने में सफलता मिल गयी। पुलिस ने जब इनको पकड़ लिया तो आरोपियों ने खुलासा किया कि उनके द्वारा संजय राजपूत पर निशाना साधने की वजह उसकी पत्नी अंजली द्वारा उन्हें सौंपी गयी सुपारी थी। आरोपितों की निशानदेही पर उस तमंचे को भी पुलिस ने बरामद कर लिया जो संजय राजपूत पर फायर करने के लिये प्रयोग में लाया गया था। यह पुलिस के लिये अदालत में मजबूत साक्ष्य का काम करेगा। इस मामले में अभी मोनू यादव और अवधेश उर्फ रवि, जितेन्द्र व लक्ष्मण की भी गिरफ्तारी होनी है जबकि उक्त तीनों आरोपियों के साथ संजय राजपूत की षड़यंत्रकर्ता पत्नी अंजली को भी जेल भेजा गया है। इस खुलासे का श्रेय कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक जितेन्द्र सिंह और उनकी टीम को दिया जा रहा है साथ में एसओजी और सर्विंलांस टीम का सहयोग भी उल्लेखनीय रहा।







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