ग्राम प्रधान ममता देवी को ‘कैच द रैन’ के लिए लाल किले पर सम्मान, जिलाधिकारी ने दी बधाई

उरई-भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “कैच द रैन” के तहत जल संरक्षण और जल संचय के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली जालौन जिले की ग्राम पंचायत सतोह की प्रधान ममता देवी को जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार ने 15 अगस्त को नई दिल्ली के लाल किले पर आयोजित एक समारोह में सम्मानित किया। इस उपलब्धि पर जालौन के जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने ममता देवी का स्वागत कर उनके कार्य की सराहना की और भविष्य में जनहित के लिए और बेहतर कार्य करने की प्रेरणा दी।

कैच द रैनके तहत ममता देवी का सराहनीय योगदान

ममता देवी ने ग्राम पंचायत सतोह में “कैच द रैन” अभियान को धरातल पर उतारने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उन्होंने जल संरक्षण और संचय के लिए जन भागीदारी को बढ़ावा देते हुए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लागू किया। इसके तहत गांव में दो वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किए गए, जिससे सरकारी भवनों से निकलने वाले जल को जमीन में संरक्षित किया गया। इसके अतिरिक्त, 24 सोख्ता गड्ढे बनवाए गए, जो वर्षा जल को भूमि में संचित करने में सहायक सिद्ध हुए। सबसे उल्लेखनीय कार्य रहा 14 किलोमीटर लंबी नून नदी की 3 मीटर गहरी खुदाई, जो सतोह से विरगुआं गांव तक की गई। इस कार्य ने क्षेत्र के जल स्तर को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। परिणामस्वरूप, लगभग 600 एकड़ ऐसी कृषि भूमि, जो पहले पानी की कमी के कारण बंजर हो रही थी, अब सिंचाई के लिए उपलब्ध हो गई है। इस पहल से न केवल किसानों को लाभ हुआ, बल्कि क्षेत्र में जल संकट की समस्या का भी समाधान हुआ।

जिलाधिकारी और मनरेगा उपायुक्त की सराहना

ममता देवी के दिल्ली से लौटने पर जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने उनका स्वागत किया और उनके कार्य को जनहित में एक मिसाल बताया। उन्होंने कहा, “ममता देवी ने जल संरक्षण के क्षेत्र में जो कार्य किया है, वह अन्य ग्राम पंचायतों के लिए प्रेरणा है। मैं उनसे आग्रह करता हूं कि वे इसी तरह जनहित के कार्यों को और बेहतर तरीके से आगे बढ़ाएं।” मनरेगा उपायुक्त रामेन्द्र सिंह कुशवाह ने भी ममता देवी और उनके प्रतिनिधि हरिकिशोर सिंह पटेल की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि ममता के प्रतिनिधि ने “कैच द रैन” अभियान के तहत वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की अवधारणा को गहराई से समझा और इसे लागू करने के लिए जिलाधिकारी से मार्गदर्शन लिया। जिलाधिकारी ने स्वयं ग्राम पंचायत सतोह का दौरा कर स्थलीय निरीक्षण किया और कार्य को आगे बढ़ाने के लिए रणनीति तैयार की, जो अंततः लाल किले पर सम्मान के रूप में सफलता के शिखर पर पहुंची। ### जन भागीदारी से मिली सफलता उपायुक्त कुशवाह ने बताया कि ममता देवी ने जन भागीदारी के माध्यम से नून नदी की खुदाई और अन्य जल संरक्षण कार्यों को अंजाम दिया। इस कार्य में ग्रामीणों का सहयोग और मनरेगा योजना का समुचित उपयोग किया गया। नदी की खुदाई और सोख्ता गड्ढों के निर्माण से क्षेत्र का भूजल स्तर बढ़ा, जिसका सीधा लाभ किसानों को मिला। ### ग्राम प्रधान का संकल्प सम्मान प्राप्त करने के बाद ममता देवी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ‘मन की बात’ से प्रेरित होकर मैंने जल संरक्षण को प्राथमिकता दी। यह सम्मान मेरे लिए गर्व का विषय है, लेकिन मेरी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। मैं अपने गांव और क्षेत्र के लिए और अधिक कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।

” ### जल संरक्षण की दिशा में एक मिसाल

ममता देवी के प्रयासों ने न केवल सतोह गांव को जल संरक्षण के क्षेत्र में एक मॉडल बनाया, बल्कि अन्य ग्राम पंचायतों के लिए भी एक प्रेरणा स्थापित की है। उनके कार्य ने यह साबित किया कि जन भागीदारी और सरकारी योजनाओं के सही उपयोग से बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। जिलाधिकारी और मनरेगा उपायुक्त ने ममता देवी को भविष्य में भी इसी तरह के नवाचार और जनहित के कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस उपलब्धि ने जालौन जिले का नाम राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है।

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