जालौन-उरई : जालौन जिले में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए हरीशंकरी वृक्षारोपण महाअभियान का आयोजन धूमधाम से संपन्न हुआ। इस अभियान के तहत पीपल, पाकड़ और बरगद जैसे पर्यावरण के लिए लाभकारी पौधों का सामूहिक रोपण किया गया, जिन्हें हरीशंकरी त्रिवृक्ष के नाम से जाना जाता है। नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक, प्रशासन, स्कूली बच्चों और आमजन ने एकजुट होकर इस अभियान में उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। इस पहल ने न केवल जालौन को हरियाली की ओर अग्रसर किया, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और शुद्ध वातावरण सुनिश्चित करने का संदेश भी दिया।
अभियान का शुभारंभ और प्रशासन की सक्रिय भागीदारी
हरीशंकरी वृक्षारोपण महाअभियान का शुभारंभ जालौन के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) विनय मौर्य ने किया। उन्होंने नगर के मोहल्ला मुरली मनोहर और शहीद स्मारक हदरूख में पीपल, पाकड़ और बरगद के पौधों का रोपण कर अभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर एसडीएम मौर्य ने कहा, “हरीशंकरी पौधे अपनी दीर्घायु और पर्यावरण शुद्धिकरण की विशेषता के कारण अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये पौधे न केवल वातावरण को शुद्ध रखते हैं, बल्कि ऑक्सीजन की आपूर्ति और जलवायु संतुलन में भी योगदान देते हैं। इस अभियान का उद्देश्य केवल वृक्षारोपण तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना और भविष्य की पीढ़ियों के लिए हरियाली सुनिश्चित करना भी है।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में उत्साहपूर्ण भागीदारी
जालौन तहसील के सभी गांवों और नगर के वार्डों में स्थानीय लोगों ने अपने-अपने क्षेत्रों में एक स्थल का चयन कर हरीशंकरी पौधों का सामूहिक रोपण किया। क्षेत्रीय वन अधिकारी हरिकिशोर शुक्ला, खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) प्रशांत यादव और बीडीओ कुठौंद अरुण कुमार ने अपने-अपने ब्लॉक क्षेत्रों में पौधारोपण कार्यक्रमों का नेतृत्व किया। इन अधिकारियों ने स्थानीय लोगों को हरियाली के महत्व से अवगत कराया और उन्हें पौधों की देखभाल के लिए प्रेरित किया। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों और युवाओं ने भी इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिससे पूरे जिले में पर्यावरण संरक्षण के प्रति एक सकारात्मक माहौल बना।
बच्चों ने दिखाया अनूठा उत्साह
अभियान का एक विशेष आकर्षण रहा प्राथमिक विद्यालय हदरूख में आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम। यहां स्कूली बच्चों द्वारा गठित इको क्लब ने विशेष उत्साह के साथ पौधारोपण में भाग लिया। बच्चों ने न केवल पौधे लगाए, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी समझा। एसडीएम विनय मौर्य ने बच्चों के साथ संवाद करते हुए उन्हें पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझाया और पौधों को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा, “आप बच्चे ही भविष्य के कर्णधार हैं। आपके द्वारा लगाए गए ये पौधे न केवल आपके लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी स्वच्छ हवा और बेहतर पर्यावरण सुनिश्चित करेंगे।” खंड शिक्षा अधिकारी दिग्विजय सिंह ने बच्चों के उत्साह की सराहना की और उन्हें पेड़ों की रक्षा और उनकी देखभाल करने की शपथ दिलाई। इस शपथ के दौरान बच्चों ने संकल्प लिया कि वे न केवल इन पौधों की देखभाल करेंगे, बल्कि अपने आसपास के लोगों को भी पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करेंगे।
### वन विभाग की सक्रिय भूमिका
इस अभियान में वन विभाग की भूमिका भी सराहनीय रही। डिप्टी रेंजर मुबारक अली, वन दरोगा महेश प्रसाद, वन रक्षक पुनीत, अजीत और जितेंद्र ने विभिन्न स्थानों पर पौधारोपण कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और लोगों को तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया। वन विभाग ने यह सुनिश्चित किया कि पौधों का रोपण वैज्ञानिक तरीके से हो और उनकी दीर्घकालिक देखभाल के लिए उचित व्यवस्था हो।
### हरीशंकरी पौधों का महत्व
हरीशंकरी त्रिवृक्ष (पीपल, पाकड़ और बरगद) भारतीय संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण में विशेष महत्व रखते हैं। ये पौधे न केवल अधिक मात्रा में ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, बल्कि वायु प्रदूषण को कम करने, मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी सहायक हैं। इन पौधों की जड़ें भूजल स्तर को बनाए रखने में मदद करती हैं, और इनकी छाया गर्मी के दिनों में राहत प्रदान करती है। अभियान के दौरान लोगों को इन पौधों के वैज्ञानिक और सांस्कृतिक महत्व के बारे में भी जागरूक किया गया।
### सामाजिक जागरूकता और भविष्य की योजनाएं
इस महाअभियान ने जालौन जिले में पर्यावरण संरक्षण के प्रति एक नई जागरूकता पैदा की है। स्थानीय लोगों ने न केवल पौधे लगाए, बल्कि उनकी नियमित देखभाल और संरक्षण का संकल्प भी लिया। प्रशासन ने इस अभियान को निरंतरता देने का वादा किया है और भविष्य में भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है। क्षेत्रीय वन अधिकारी हरिकिशोर शुक्ला ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि जालौन जिला हरियाली का एक मॉडल बने। इसके लिए हम स्कूलों, कॉलेजों और ग्रामीण समुदायों के साथ मिलकर और अधिक जागरूकता अभियान चलाएंगे।
“ ### निष्कर्ष
जालौन में हरीशंकरी वृक्षारोपण महाअभियान ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की है। प्रशासन, वन विभाग, स्कूली बच्चे और आमजन की एकजुटता ने इस अभियान को सफल बनाया। बच्चों के उत्साह और उनकी सक्रिय भागीदारी ने यह साबित किया कि पर्यावरण संरक्षण का जज्बा हर उम्र में जीवित है। यह अभियान न केवल जालौन के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है कि सामूहिक प्रयासों से हम अपने पर्यावरण को सुरक्षित और समृद्ध बना सकते हैं।







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