उरई। सत्तारूढ़ पार्टी के बड़े से बड़े और छोटे से छोटे नेता पर आज जहां मद में भूले होने के आरोप लग रहे हैं वहीं भाजपा के स्थानीय युवा नेता सुमित प्रताप सिंह दुखी परेशान लोगों की मदद के लिए आगे रहने के उदाहरणों से अपनी उज्जवल छवि बनाने के साथ-साथ पार्टी की तस्वीर भी जनमानस के बीच संवारने में योगदान दे रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के दंभपूर्ण आचरण की चर्चाएं आजकल सर्वत्र व्याप्त हैं। पीड़ित और जरूरतमंद लोग अक्सर उनके गुरूर का शिकार बनते हैं। भारतीय जनता पार्टी के बारे में लोगों में गलत धारणाएं पनपने के पीछे ऐसे नेताओं और कार्यकर्ताओं का हाथ मुख्य रूप से माना जाता है।
दूसरी ओर सुमित प्रताप सिंह हैं जिनके पास कोई बड़ा औपचारिक पद तो नही है लेकिन अपनी सक्रियता से उन्होंने पार्टी में ऊपर से नीचे तक अलग पहचान बना रखी है। जिससे प्रभावशाली हस्तक्षेप में उनको सक्षम माना जाने लगा है। सुमित प्रताप अपने संपर्क में आने वाले दुखियारे व्यक्तियों से न केवल उपेक्षा की बजाय हमदर्दी से पेश आते हैं बल्कि उनकी समस्या का निदान कराने के लिए व्यक्तिगत समस्या मानकर कारगर प्रयास करते हैं।
कुछ दिनों पहले उनसे अनुज प्रताप सिंह मिले जिनकी उस समय बेहद कातर हालत थी। पारिवारिक परिस्थितियों के कारण उन्हें काम मिलने की तलाश थी लेकिन किसी को फुर्सत नही थी कि उनकी बात सुनें। आखिर में उन्होंने सुमित प्रताप सिंह से संपर्क किया तो उनसे भी उन्हें कोई बहुत उम्मीद नही थी। लेकिन सुमित के आत्मीय व्यवहार ने उनके मनोबल को शक्ति प्रदान की। तो बेरोजगारी के कारण अपने घर की स्थिति का कारुणिक दुखड़ा उन्होंने सुमित के सामने रो डाला। सुमित ने इसके बाद कई जगह उनके लिए कोशिश की और अब अनुज ने सोशल मीडिया पर सुमित के लिए जो उदगार व्यक्त किये हैं उससे पता चलता है कि किस तरह सुमित ने उनके जीवन में डूबते को तिनके के सहारे की भूमिका अदा की। अनुज प्रताप कहते हैं कि सुमित ने उनके लिए आकर्षक नौकरी की व्यवस्था करा दी। जिसमें उनको उम्मीद से ज्यादा वेतन मिल रहा है। उन्होंने सुमित को अपना बड़ा भाई संबोधित करते हुए लिखा है कि जीवन भर वे उनके ऋणी रहेगें। पार्टी के प्रमुख लोग भी सुमित की परोपकार में रुचि को सराह रहे हैं और अन्य युवा कार्यकर्ताओं के लिए उनके कृतित्व को प्रेरक बता रहे हैं।







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