कालपी-उरई। गुपचुप प्रेम आज सामाजिक हस्तक्षेप के कारण विवाह की परिणति पर पहुंच गया। दूल्हा सैनिक है जो इन दिनों छुट्टियों में घर आया था। दुल्हन जिस गांव की थी फौजी वहां रिश्तेदारी होने के कारण आता-जाता था। इसी दौरान दोनों की आंखे लड़ गईं। दोनों एक ही बिरादरी के हैं।
फौजी अजीत सिरसा कलार थाने के मलथुआ गांव का रहने वाला है जबकि उसकी जीवन संगिनी दिव्या चुर्खी थाने की नूरपुर की है। अजीत अपनी रिश्तेदारी में नूरपुर आता था। इसी दौरान दिव्या से उसका परिचय हो गया जो प्यार में बदल गया।
दिव्या कालपी डिग्री कॉलेज में बीए की छात्रा है। छुटटी आये अजीत से उसकी मोबाइल पर बात हुई। तय हुआ कि शनिवार को वह कॉलेज में दिव्या से मिलने पहुंचेगा। मुलाकात के बाद दोनों मोहल्ला हरीगंज में दिव्या की सहेली के घर रुक गये। इसी बीच शाम हो गई और तब तक दिव्या के घर न लौटने से परेशान उसका भाई उसे ढूढ़ने निकल पड़ा। उसने पुलिस से भी मदद मांगी और खुद भी तलाश में कॉलेज जा पहुंचा। वहां से उसे सुराग मिल गया तो उसने दिव्या की सहेली के घर दोनों को पकड़ लिया।
दिव्या के भाई ने गांव में भी खबर कर दी। परिवार के लोग गांव वालों के साथ मौके पर आ गये। पहले वे गुस्से से बरसते रहे बाद में तय हुआ कि दोनों का तत्काल विवाह करा दिया जाये। यह नौबत आने पर फौजी ना नुकर करने लगा लेकिन गांव के सामने उसकी एक न चली। हरीगंज में पास के ही मंदिर में मंडप सजाया गया और पंडित को बुलाकर विधि-विधान से विवाह करा दिया गया। इस दौरान कार्यक्रम में शामिल होने प्रेमी के घर का कोई सदस्य नही पहुंचा। विवाह की रस्में पूरी होने के बाद दूल्हा बिना दुल्हन को साथ लिए यह वादा कर घर लौट गया कि जल्द ही वह दिव्या की विदा के लिए आयेगा।






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