उरई। नैनो डीएपी को अजमाने के लिए एक वर्ष पहले तक किसानों को राजी करना मुश्किल सिद्ध हो रहा था। लेकिन इसका प्रयोग कर नतीजा देखने वाले किसान अब इसे हासिल करने के लिए मचलते देखे जाने लगे हैं। इसका नजारा बुधवार को देखने को मिला।
खरीफ की फसल को खुराक देने के लिए उर्वरक की दुकानों पर किसानों की भीड़ उमड़ रही है। ब्लैक मार्केटियर इसमें कृत्रिम अभाव पैदा न कर सकें, जिला प्रशासन इसके लिए बहुत जागरूक है। जिलाधिकारी राजेश पाण्डेय के निर्देशन में उर्वरक की दुकानों का निरीक्षण किया जा रहा है। इस क्रम में बुधवार को बस स्टैण्ड मार्केट स्थित बुंदेलखंड सहकारी समिति के उर्वरक विक्रय केंद्र पर अचानक उप जिला कृषि अधिकारी पुष्पेंद्र दीक्षित, सहकारिता के उप सहायक निबंधक सुरेश चंद्र वर्मा व इफको के क्षेत्र अधिकारी निरीक्षण के लिए जा पहुंचे।
उर्वरक विक्रय केंद्र पर किसानों की लाइन लगी थी। अधिकारियों ने उनसे पूंछतांछ की तो सभी किसानों ने बताया कि इस दुकान पर खाद के वितरण में कभी कोई गोलमाल नही होता। पूंछने पर किसानों ने बताया कि निर्धारित कीमत के अलावा कोई अतिरिक्त कीमत नही ली जा रही है। अधिकारी इससे खुश नजर आये। इस बीच ग्राम बड़ागांव निवासी पिंटू निरंजन आ गये। उन्होंने अधिकारियों के सामने ही प्रोप्राइटर महेश पांडेय से नैनो यूरिया मांगी। इस पर जाने के लिए तैयार हो रहे अधिकारी ठिठक गये। उन्होंने पिंटू निरंजन से पूंछा कि नैनो डीएपी का नाम उन्हें किसने बताया। पिंटू निरंजन का कहना था कि पिछले साल धान की फसल के लिए 50 बोतल नैनो डीएपी वे ले गये थे। इस खाद के कारण पहले से उन्हें डेढ़ गुना ज्यादा पैदावार मिली तो इस वर्ष भी वे इसी खाद के इस्तेमाल का निश्चय कर चुके हैं। उनकी बातों से उत्साहित अधिकारियों ने महेश पांडेय से नैनो डीएपी का पैक मंगवाकर पिंटू निरंजन को सौंपते हुए तस्वीर खिचाई।







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