उरई। गुरुवार को अभाव से गुजर रहे परिवार की छात्रा जाहन्वी की निर्बाध पढ़ाई के लिए जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय द्वारा दिखाई गई सहृदयता के चर्चे कई जरूरतमंदों के लिए आशा का संबल बन गये हैं। यह चर्चा सुनकर उमरारखेरा का दिव्यांग युवक जीतू जनसुनवाई के दौरान जिलाधिकारी के सामने आकर खड़ा हो गया।
महज साढ़े तीन फिट की लंबाई के जीतू को अभिशप्त जीवन भोगना पड़ रहा है। कुदरत के द्वारा किये गये अन्याय ने उसे समाज की उपेक्षा का शिकार बना दिया। मां लकवा ग्रस्त है तो पिता एक्सीडेंट में रीढ़ की हडडी चोटिल हो जाने से बिस्तर पर हैं। कठिन पारिवारिक परिस्थितियों के कारण 21 वर्ष की उम्र हो जाने के बावजूद वह अभी तक स्कूल का चेहरा नही देख पाया है।
जीतू का कहना है कि पढ़ाई की इच्छा होते हुए भी अभाव के कारण आज तक वह स्कूल का मुंह न देख पाया। जिलाधिकारी राजेश पाण्डेय द्वारा मुख्यमंत्री की योजना के अंतर्गत मुसीबत की मारी जाहन्वी की शिक्षा का भार उठाने की खबर उसने पढ़ी तो वह भी आस लेकर उनके पास आ गया। जीतू ने यह कहकर जिलाधिकारी को द्रवित कर दिया कि वह भी पढ़-लिखकर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहता है। उसे भी जीवन में कुछ कर दिखाने का मौका मिलना चाहिए।
जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने तत्काल सीएमओ, बीएसए और समाज कल्याण अधिकारी को बुलाकर उसके लिए आवश्यक व्यवस्था कराई। उप जिलाधिकारी से जीतू की पारिवार की आर्थिक स्थिति को जांचे और अन्य सरकारी योजनाओं से उसे लाभान्वित करें। उन्होंने मौके पर ही कॉपी, किताबें, बैग और यूनीफार्म की व्यवस्था कराकर उसे भेंट की।







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