झांसी। एक प्राइवेट अस्पताल की मुनाफे के लिए हैवानियत की कहानी सामने आई है। बताया जाता है कि जांच में आरोपों की पुष्टि हो चुकी है लेकिन इसके बावजूद मामले की लीपापोती का प्रयास किया जा रहा है। पीड़ित सागर भटट ने मुख्यमंत्री को शिकायत भेजकर मांग की कि संबंधित डाक्टरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर प्राइवेट अस्पताल का लाइसेंस निरस्त किया जाये।
सागर भटट के अनुसार उन्होंने अपने पिताजी को पेट दर्द के उपचार के लिए यहां के एक प्राइवेट सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में दिखाया था। उनके पिता को हृदय संबंधी कोई शिकायत नही थी। लेकिन उक्त अस्पताल के डाक्टरों ने बजाय पेट दर्द की दवा देने के उनकी बाईपास सर्जरी कर दी। जिसके चलते उन्होंने दम तोड़ दिया।
पिताजी का आयुष्मान कार्ड अस्पताल में जमा किया गया था। सर्जरी दिखाकर बड़ी राशि का क्लेम डाक्टरों ने उस कार्ड पर वसूला। साथ ही उनसे अतिरिक्त नगदी भी ले ली। सागर ने बताया कि मेरे द्वारा शिकायत करने पर झांसी के मुख्य चिकित्साधिकारी ने जांच की जिसमें तथ्य सत्यापित होने पर भी वे वास्तविक रिपोर्ट नही दे रहे हैं। ऐसा लगता है कि निजी अस्पताल संचालकों ने उनसे सांठ-गांठ कर ली है। सागर ने मुख्यमंत्री को प्रार्थनापत्र भेजा है। जिसमें शिकायत की लीपापोती न होने देने और यह कृत्य करने वाले डाक्टरों को जेल भेजने की मांग की गई।






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