उरई| : लंबे समय से स्थगित एट नगर पंचायत की बोर्ड बैठक आखिरकार 4 सितंबर 2025 को आयोजित होने जा रही है। इस महत्वपूर्ण बैठक को लेकर जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने सख्त निर्देश जारी किए हैं कि बैठक में केवल अधिकृत सदस्यों को ही प्रवेश की अनुमति होगी और किसी भी अनधिकृत व्यक्ति का प्रवेश वर्जित रहेगा। यह निर्णय एट नगर पंचायत के सभासदों द्वारा शिकायती पत्र सौंपने और अपनी मांगों को बैठक के एजेंडे में शामिल करने की अपील के बाद लिया गया है।
सभासदों की शिकायत और मांग
एट नगर पंचायत के सभासदों ने हाल ही में जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय से मुलाकात की और एक शिकायती पत्र सौंपा। इस पत्र में उन्होंने नगर पंचायत के विकास कार्यों में देरी और अन्य प्रशासनिक मुद्दों को उठाया। सभासदों ने अपनी मांगों को आगामी बोर्ड बैठक के एजेंडे में शामिल करने की अपील की, ताकि लंबित विकास कार्यों को गति दी जा सके। सभासदों का कहना था कि लगभग एक वर्ष से बोर्ड बैठक न होने के कारण नगर पंचायत के कई महत्वपूर्ण विकास कार्य प्रभावित हुए हैं।जिलाधिकारी के निर्देशजिलाधिकारी ने सभासदों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए बोर्ड बैठक की तारीख 4 सितंबर 2025 निर्धारित की। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि बैठक की कार्यवाही व्यवस्थित और पारदर्शी ढंग से होनी चाहिए। इसके लिए निम्नलिखित आदेश जारी किए गए:
- केवल अधिकृत सदस्यों को प्रवेश: बैठक में केवल अधिकृत सभासदों और संबंधित अधिकारियों को ही भाग लेने की अनुमति होगी। किसी भी अनधिकृत व्यक्ति के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
- सूचना का समयबद्ध प्रबंधन: अधिशासी अधिकारी को निर्देश दिया गया कि सभी अधिकृत सदस्यों को बैठक की सूचना समय पर उपलब्ध कराई जाए, ताकि कोई भी सदस्य जानकारी के अभाव में बैठक से वंचित न रहे।
- पर्यवेक्षण की व्यवस्था: बैठक की कार्यवाही उप जिलाधिकारी सदर और क्षेत्राधिकारी कोंच के पर्यवेक्षण में संपन्न होगी, ताकि व्यवस्था और अनुशासन बना रहे।
विकास कार्यों को गति देने की उम्मीद
अधिशासी अधिकारी ने बताया कि लगभग एक वर्ष से बोर्ड बैठक न होने के कारण नगर पंचायत के कई विकास कार्य रुके हुए थे। इनमें सड़क निर्माण, स्वच्छता, जल निकासी, और अन्य बुनियादी सुविधाओं से संबंधित परियोजनाएं शामिल हैं। आगामी बोर्ड बैठक में इन लंबित प्रस्तावों पर चर्चा और निर्णय लेने की उम्मीद है, जो नगर पंचायत के विकास को नई दिशा प्रदान करेगी।
सामाजिक और प्रशासनिक महत्व
एट नगर पंचायत की यह बोर्ड बैठक न केवल विकास कार्यों को गति देने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्थानीय प्रशासन की जवाबदेही और पारदर्शिता को भी दर्शाती है। जिलाधिकारी के सख्त निर्देशों से यह स्पष्ट है कि प्रशासन नगर पंचायत के विकास और जनता की समस्याओं के समाधान के प्रति गंभीर है। सभासदों की मांगों को एजेंडे में शामिल करने का निर्णय स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय को दर्शाता है।एट नगर पंचायत की बोर्ड बैठक का आयोजन एक वर्ष बाद होने जा रहा है, जो क्षेत्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय के सख्त निर्देश और पर्यवेक्षण की व्यवस्था से यह सुनिश्चित होगा कि बैठक व्यवस्थित और परिणामोन्मुखी होगी। यह बैठक न केवल लंबित विकास कार्यों को गति देगी, बल्कि स्थानीय जनता में प्रशासन के प्रति विश्वास को भी मजबूत करेगी।







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