उरई |: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी नमस्ते योजना (नेशनल एक्शन फॉर मैकेनाइज्ड सैनिटेशन इकोसिस्टम) के तहत जालौन जिले में कचरा बीनने वालों को सुरक्षित और सम्मानजनक आजीविका प्रदान करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इस संबंध में जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की, जिसमें संबंधित अधिकारियों को योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। योजना का उद्देश्य और महत्वजिलाधिकारी ने बताया कि नमस्ते योजना का मुख्य उद्देश्य खतरनाक मैनुअल स्कैवेंजिंग को पूरी तरह समाप्त करना और सीवर व सेप्टिक टैंकों की यांत्रिक सफाई को बढ़ावा देना है। इस योजना को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय तथा आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने संयुक्त रूप से जुलाई 2023 में शुरू किया था, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक लागू रहेगी। वित्तीय वर्ष 2024-25 से कचरा बीनने वालों को इस योजना के तीसरे घटक के रूप में शामिल किया गया है, ताकि उन्हें सुरक्षित कार्य प्रणाली, सामाजिक लाभ, और सम्मानजनक आजीविका के अवसर प्राप्त हो सकें।
जिलाधिकारी के निर्देश
बैठक में जिलाधिकारी ने शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को योजना के प्रभावी क्रियान्वयन में सक्रिय भूमिका निभाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि कचरा बीनने वालों को कूड़ा प्रबंधन संयंत्रों (वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट) से जोड़ा जाए और उनके पुनर्वास के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। इसके अतिरिक्त, निम्नलिखित निर्देश दिए गए:
- स्वास्थ्य परीक्षण और आयुष्मान कार्ड: नगर पालिका, नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारियों और जिला पंचायत राज अधिकारी को संयुक्त रूप से कचरा बीनने वालों के लिए स्वास्थ्य परीक्षण कैंप आयोजित करने के निर्देश दिए गए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से सभी पात्र व्यक्तियों के आयुष्मान कार्ड तत्काल बनवाए जाएंगे।
- कौशल विकास और रोजगार: कौशल विकास मिशन के तहत आईटीआई प्रिंसिपल को कचरा बीनने वालों को प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ने का निर्देश दिया गया, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।
- संसाधनों की व्यवस्था: स्थानीय निकायों को आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था करने और कचरा बीनने वालों को योजना से जोड़ने के लिए सक्रिय कदम उठाने को कहा गया।
सामाजिक प्रभाव
नमस्ते योजना कचरा बीनने वालों के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें यांत्रिक स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना न केवल उनके आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देगी, बल्कि समाज में उनकी गरिमा और सम्मान को भी सुनिश्चित करेगी।बैठक में उपस्थित अधिकारीबैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी नरेंद्र देव शर्मा, समाज कल्याण अधिकारी प्रवीण सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी राम अयोध्या प्रसाद सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
निष्कर्ष
नमस्ते योजना के तहत जालौन जिले में कचरा बीनने वालों के लिए शुरू की गई यह पहल सामाजिक समावेशन और आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। जिलाधिकारी की सक्रियता और अधिकारियों के समन्वित प्रयासों से यह योजना जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू होने की उम्मीद है, जिससे कचरा बीनने वालों को सम्मानजनक आजीविका के साथ-साथ समाज में एक नई पहचान मिलेगी।







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