उरई, जालौन: जालौन जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार की चुस्त पैरोकारी और त्वरित कार्रवाई के फलस्वरूप, एक जघन्य अपराध के मामले में अभियुक्त को रिकॉर्ड समय में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। यह मामला केलिया थाना क्षेत्र के बोहरा गाँव का है, जहां अभियुक्त अनिल अहिरवार ने 5 वर्षीय अबोध बालिका के साथ दुष्कर्म किया। इस मामले में पुलिस की अभूतपूर्व तत्परता और न्यायिक प्रक्रिया की गति ने न केवल पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय दिलाया, बल्कि समाज में एक सशक्त संदेश भी दिया।घटना का विवरणघटना 16 जुलाई 2025 को सामने आई, जब बोहरा गाँव में अनिल अहिरवार ने मोबाइल दिखाने के बहाने 5 वर्षीय बालिका को अपने जाल में फंसाया। उसने न केवल बच्ची के साथ दुष्कर्म किया, बल्कि क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए उसकी हत्या भी कर दी। इस जघन्य अपराध की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और उसी दिन थाना केलिया में मामला दर्ज किया गया।पुलिस की त्वरित कार्रवाईपुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार के नेतृत्व में केलिया थाना पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 18 जुलाई को अभियुक्त अनिल अहिरवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए मात्र 8 दिनों के भीतर, 24 जुलाई को अदालत में चार्जशीट पेश कर दी। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है, जो पुलिस की दक्षता और अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाता है।अदालत का ऐतिहासिक फैसलापुलिस की इस त्वरित कार्रवाई और ठोस साक्ष्यों के आधार पर, मामले की सुनवाई विशेष पॉक्सो (POCSO) कोर्ट में हुई। मात्र एक सप्ताह बाद, एडीजे पॉक्सो एक्ट कोर्ट ने इस मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अभियुक्त अनिल अहिरवार को दोषी ठहराते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। इसके साथ ही, कोर्ट ने 2 लाख रुपये के जुर्माने का भी आदेश दिया, जिसमें से 1 लाख रुपये पीड़ित परिवार को मुआवजे के रूप में देने का निर्देश दिया गया।सामाजिक प्रभाव और संदेशइस मामले में पुलिस और न्यायिक प्रणाली की त्वरित कार्रवाई ने न केवल पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया, बल्कि समाज में यह संदेश भी दिया कि अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार की इस मामले में सक्रिय भूमिका की स्थानीय लोगों ने सराहना की है। यह घटना अन्य पुलिस अधिकारियों और प्रशासन के लिए भी एक प्रेरणा बन सकती है कि कैसे त्वरित और समन्वित कार्रवाई से समाज में विश्वास और न्याय की स्थापना की जा सकती है।निष्कर्षयह मामला न केवल जालौन जिले, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल है कि कैसे पुलिस और न्यायिक प्रणाली मिलकर गंभीर अपराधों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई कर सकती है। अनिल अहिरवार को मिली सजा नाबालिगों के खिलाफ अपराधों के प्रति सख्त रुख को दर्शाती है और समाज में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक मजबूत संदेश देती है।
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भारत में हाल के जघन्य अपराध: एक अवलोकनहाल के समय में भारत में कई जघन्य अपराधों ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। इनमें हत्या, दुष्कर्म, और दहेज उत्पीड़न जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं, जो न केवल पीड़ितों और उनके परिवारों पर गहरा प्रभाव डालते हैं, बल्कि सामाजिक और कानूनी व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हैं। नीचे कुछ हालिया जघन्य अपराधों का विवरण दिया गया है, जो विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है।1. ग्रेटर नोएडा: निक्की भाटी मर्डर केसग्रेटर नोएडा में निक्की भाटी की हत्या का मामला हाल के दिनों में चर्चा में रहा है। इस मामले में निक्की के पति विपिन समेत चार लोग गिरफ्तार किए गए हैं। पुलिस जांच में दहेज उत्पीड़न और रील्स बनाने को लेकर विवाद के एंगल सामने आए हैं। हालांकि, अभियुक्तों ने हत्या से इनकार किया है, लेकिन सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों ने मामले को और जटिल बना दिया है। निक्की का मोबाइल फोन, जो इस मामले में महत्वपूर्ण साक्ष्य हो सकता है, अभी तक पुलिस को नहीं मिला है। इस मामले में पुलिस की जांच जारी है, और यह समाज में दहेज और घरेलू हिंसा जैसे मुद्दों को फिर से उजागर करता है।


2. रोहतक: हिमानी नरवाल हत्या मामलाहरियाणा के रोहतक में हिमानी नरवाल की हत्या का मामला भी सुर्खियों में रहा। पुलिस के अनुसार, 28 फरवरी 2025 को हिमानी और अभियुक्त सचिन के बीच रुपये के लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था, जो हत्या का







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