शहर को दंगे के मुहाने पर पहुंचाने वाले कांड का मास्टर माइंड गिरफ्तार


उरई। गत 29 अगस्त की रात टूरिस्ट बस कंपनी के बुकिंग सेंटर में महिला सवारी की शराब के नशे में मोबाइल से जबर्दस्ती वीडियो बनाने का दुस्साहस कर रहे बाइक सवार शोहदों को रोकने के कारण बस एजेंट पर किये गये सामूहिक हमले के सनसनीखेज मामले में वांछित मुख्य अभियुक्त माजिद खां को कोतवाली उरई और स्वॉट टीम के संयुक्त अभियान में मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
ध्यान रहे कि उक्त घटना में शहर को दंगे की आग में झोंकने का प्रयास किया गया था। बस के बुकिंग एजेंट ने महिला सवारी और उसके पति को वीडियो बनाने वाले युवकों की हरकत से असहज देखकर उन्हें मुलायमियत से मना करने की कोशिश की थी तो वे उग्र हो गये थे। उन्होंने बस बुकिंग एजेंट पर हमलावर होकर पहले तो स्वयं उसको पीटा। इस बीच फोन करके अपने कई साथियों को भी बुला लिया। जिन्होंने भीषण दंगे की स्थिति पैदा कर डाली। बस एजेंट पास के एक होटल में घुसा तो पीछा करते हुए हमलावर भी होटल में घुस गये और झावा, करछुली, हत्था, तवा जो मिला उससे दनादन इस हद तक मारा कि लहूलुहान होकर वह मौत की कगार पर पहुंच गया। कुछ भले लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन पर भी हमलावरों के हाथ चलने लगे। जब भीड़ इकटठी हो गई तब वे लोग भागे। इस बीच आगजनी भी करते हुए गये जिसमें उन्हीं के तीन वाहन जल गये।
इस घटना की खबर से शहर भर में जबर्दस्त दहशत फैल गई थी। अगर अधिकारियों ने तत्परता न बरती होती तो हमलावरों द्वारा किया गया दंगा इतना विकट था कि व्यापक मारकाट मच सकती थी। जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय और पुलिस अधीक्षक दुर्गेश कुमार ने दो दिन तक कार्रवाई में कोई ढील नही होने दी। दोनों अधिकारी व्यक्तिगत रूप से आतताइयों को चिन्हित करने के साथ-साथ पुलिस का सतत मूवमेंट सुनिश्चित किया। जिससे अवांछनीय तत्वों के हौसलें पस्त हो गये। आधा दर्जन हमलावरों सादाब खां, मकसूद बेग, आफताफ उर्फ मुन्ना, मेराज, दिलशाद और सादाब उर्फ नाती को इस सिलसिले में गिरफ्तार किया जा चुका था। लेकिन मुख्य अभियुक्त माजिद खां पकड़ में नही आ पा रहा था।
डीएम और एसपी के जाती तौर पर पैन लेने की वजह से माजिद खां को आखिर आज कानून की शरण में लोट लगानी पड़ गयी। उसकी गिरफ्तारी के लिए उसके घरवालों और रिश्तेदारों के यहां पुलिस ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही थी। पुलिस की इस सक्रियता ने माजिद को अपनी पूरी हेकड़ी भूलकर पनाह मांग जाने के लिए मजबूर कर दिया।
पुलिस अधीक्षक दुर्गेश कुमार ने बताया कि माजिद के खिलाफ नये मुकदमें के अलावा आधा दर्जन मुकदमें पहले से थे। बस बुकिंग एजेंसी की गोलक से हुई लूटपाट के 2540 रुपये भी माजिद के पास से बरामद हुए हैं। उन्होंने संकेत दिया कि उसके और साथियों के खिलाफ गंभीर निवारक कार्रवाई के लिए विधिक टीम से राय ली जा रही है। माजिद की गिरफ्तारी की खबर वायरल होने से तनाव में जी रहे जनजीवन में सामान्य स्थिति लौट आई है।

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