इप्टा का एक शाम दुष्यंत के नाम आयोजन
उरई | बैठने को दी गई उस नाव में ही छेद है
डूब जाने पर कहेंगे हमको भारी खेद है
पास है प्रस्ताव ये भेड़ों को खायें भेड़िये
कौन कितनी खायेगा इस बात पर मतभेद है ‘
ये पंक्तियां दुष्यन्त और अदम गोंडवी की परंपरा के इंकलाबी कवि महेंद्र मिहोनवी ने श्रोताओं की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहीं ! वह पहली सितंबर को उरई इप्टा द्वारा जालौन रोड स्थित मुस्कान इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग के सभा कक्ष में दुष्यन्त कुमार की जयंती पर आयोजित कवि गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे !
गोष्ठी के सदर बुंदेलखंड के रसखान जनाब नासिर अली नदीम ने जहां मौजूदा व्यवस्था की विसंगतियों पर तीखे प्रहार किए वहीं हास्य व्यंग्य के कवि कृपाराम कृपालु न अपनी बुंदेली रचनाओं से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया ! कवियत्री इन्दु विवेक ने महिला शक्ति की प्रेरक रचनाएं पढ़ी और शिखा गर्ग ने मेहनतकश मजदूर का दर्द उकेरा वही नवोदित गजलकार पुष्पेन्द्र पुष्प ने ओज पूर्ण ग़ज़लों से श्रोताओं को रोमांचित कर दिया !
गोष्ठी का धारदार संचालन जाने माने शायर जनाब शफीकुर्रहमान कश्फी ने किया ! कवि गोष्ठी शुरू होने के पूर्व इप्टा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राज पप्पन ने गत दिवस दिवंगत हुए उरई इप्टा के संस्थापक सचिव मजहर खान के निधन की सूचना देते हुए उनके योगदान की चर्चा की ! गोष्ठी की शुरुआत संजीव गुप्ता दीपेंद्र सिंह डॉ धर्मेन्द्र कुमार धनीराम ने ‘ .. अपना हक लेंगे ‘ जन गीत से श्रोताओं में जोश भरते हुए की !
अंत में अध्यक्ष देवेंद्र शुक्ला ने गोष्ठी की सफलता के लिए सभी कवियों एवं श्रोताओं के प्रति आभार व्यक्त किया ! इप्टा की ओर से सभी कवियों को सम्मान पत्र तथा ‘ ढाई आखर प्रेम ‘ का अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया ! गोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार के पी सिंह , पूर्व विधायक संतराम कुशवाहा , पूर्व आरईएस अधिकारी शंभू दयाल , अशोक गुप्ता अमजद आलम , अवधेश शर्मा संतोष दीक्षित रेहाना मंसूरी , निशा वर्मा संध्या श्रीवास्तव श्रद्धा चौरसिया आर पी श्रीवास्तव दुरमुट सुबोध श्रीवास्तव , अनुराग दुबे बंगरा संजय गौतम कॉमरेड हरीशंकर सहित सैकड़ों श्रोता मौजूद रहे ! कार्यक्रम व्यवस्था में विजय तिवारी और सोनू सिंघानिया का विशेष योगदान रहा !







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