उरई | तुलसी नगर मोहल्ला स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, में एक भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें 102 पवित्र तपस्वी राजयोगी भाई-बहनों को उनके आध्यात्मिक जीवन और समाज में श्रेष्ठ उदाहरण स्थापित करने के लिए सम्मानित किया गया। यह समारोह उन वरिष्ठ भाई-बहनों के सम्मान में आयोजित किया गया, जिन्होंने गृहस्थ जीवन में रहते हुए आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग के अभ्यास से अपने जीवन को कमल फूल की भाँति पवित्र और सुगंधित बनाया।आज का युग, जहाँ समाज का हर वर्ग तनाव और संघर्ष का सामना कर रहा है, ऐसे में ब्रह्माकुमारी संस्थान से जुड़े इन भाई-बहनों ने अपने जीवन को आध्यात्मिकता और पवित्रता के बल पर एक उपवन के समान बनाया। इस समारोह में कानपुर सबजोन की इंचार्ज आदरणीय गिरजा दीदी जी, रमा दीदी जी, और भ्राता अशोक भाई जी ने विशेष रूप से भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसने वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। सम्मान और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ:
सभी 102 तपस्वी भाई-बहनों का फूल, माला, पटका, बैज, और मुकुट पहनाकर सम्मान किया गया। इसके साथ ही, उन्हें ईश्वरीय सौगात भी भेंट की गई। परमपिता परमात्मा की कृपा और बीके मीना दीदी जी के मार्गदर्शन में इन भाई-बहनों ने गृहस्थ जीवन में रहते हुए भी अपने कर्मों और जीवनशैली से समाज में एक प्रेरणादायी मिसाल कायम की। कार्यक्रम में छोटे-छोटे बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं, जिन्होंने उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। बीके सरिता बहन ने कार्यक्रम का विधिवत संचालन किया, जिससे आयोजन में व्यवस्था और आध्यात्मिकता का सुंदर समन्वय देखने को मिला।आध्यात्मिकता का संदेश:
यह समारोह न केवल सम्मान का अवसर था, बल्कि यह भी दर्शाता है कि ब्रह्माकुमारी संस्थान किस तरह से लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान के माध्यम से जीवन में शांति, सुख, और पवित्रता प्राप्त करने की प्रेरणा देता है। संस्थान के अनुसार, परमपिता परमात्मा शिव के गीता ज्ञान को मुरली के माध्यम से समझाया जाता है, जो आत्मा को विकारों से मुक्त करने और सात्विकता की ओर ले जाने में सहायक है।







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