–पैगंबर-ए-इस्लाम मोहम्मद साहब की यौम-ए-पैदाइश पर निकला जुलूस-ए-मोहम्मदी
उरई : सड़कों पर आशिक-ए- रसूल का हुजूम। हाथों में लहराते इस्लामी हरे परचम। लबों पर दरूद ओ सलाम। रंग-बिरंगी रोशनी में डूबे जुलूस के रास्ते और पैगंबरे दो आलम मुहम्मद साहब की मोहब्बत का एहसास कराती झांकियां। बजते नातिया कलाम। फिजा में गूंजते नारे तकबीर के नारे। कुछ ऐसा ही नजारा था जुलूस-ए-मोहम्मदी का। शुक्रवार को पूरे अखलाक और खुलूस के साथ पैगंबर-ए-इस्लाम मोहम्मद साहब की यौम-ए-पैदाइश के मौके पर शहर में अंजुमन फिदायाने रसूल कमेटी के नेतृत्व में जुलूस निकाला गया। इस दौरान मुस्लिम समुदाय में जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी की धूम रही।
बता दे कि शहर के गणेशगंज स्थित कादरी चैराहे से अंजुमन के सदर शाही इमाम हाफिज फिरोज अली ने गंजमुरादाबाद से आये धर्मगुरु मारूफ मियां को हरी झंडी दी। जुलूस को धर्मगुरु ने नायब सदर शहर इमाम हाफिज मंजूर बरकाती सेकेट्री हाफिज जमील कादरी की मौजूदगी में जुलूस-ए- मोहम्मदी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। सभी अंजुमन वहां से सड़कों पर अंजुमन फिदायाने रसूल कमेटी के साथ कदीमी रास्तों से गुजरी। बड़े-बुजुर्ग दरूद और नाते मनकबत पढ़ते हुए चल रहे थे। उलेमा-ए- इकराम तकरीर के जरिये शरीअत और कुरान की तालीम बयान कर रहे थे। इस मौके पर पत्ती-पत्ती, फूल-फूल या रसूल.. या रसूल, हुजूर की आमद मरहबा..सरकार की आमद मरहबा.. के नारे बुलंद हुए। नन्हे-मुन्ने माहौल को नूरानी बना रहे थे। जूलूस बजारिया रोड से कृष्णा टॉकीज, शहीद भगत सिंह चैराहा, जिला अस्पताल होते हुए दलगंजन तिराहा पहुंचा। इसके बाद जुलूस बजारिया रोड होते हुए बापस गणेश गंज कादरी चैराहे पर समाप्त हुआ। जहां समुदाय के लोगों ने अमन-चैन की दुआ मांगी। जुलूस में नगर की कई अंजुमनों ने शिरकत की। जिसमें मदरसा बरकातिया, गरीब नवाज मदरसा, रजाये मुस्तुफा कमेटी सहित अन्य कमेटियों के बच्चे नातें नबी दरूद ओ सलाम पढ़ते चल रहे थे और सलातो सलाम पढ़ा। कारी शमशुल कमर साहब ने पैगंबर मोहम्मद साहब के जीवन को बयान करते हुए कहा कि हमारी जिंदगी में अमन, सुकून तब ही आ सकता है, जब हम पैगंबर के बताए रास्ते पर चलेंगे। कहा कि इस्लाम का वास्तविक रूप भाईचारे और सद्भाव के साथ रहने का संदेश देता है। मुसलमानों के लिए पैगंबर साहब की पैदाइश का दिन बेहद खास है। उनका जन्म न होता तो हमें न कुरान मिलता, न रमजान और न ईद। ये सारी खुशियां हमें पैगंबर के मिलाद के सदके में मिली है। कार्यक्रम का संचालन हाफिज अजीज बरकाती ने किया। इस मौके पर कारी हसन, हाफिज आमिर, हाफिज गुलाम हुसैन, हाफिज अनबार शाह, हाफिज शहीद, हाफिज अनस, हाफिज शहादत हुसैन, राजू मंसूरी, कू कू माहते, हाजी इसरार खान, शफीकुर्रहमान कशफी, रिहान सिद्दीकी, नबीउद्दीन, इबादत अली शानू, नूर मोहम्मद, राजू मंसूरी आदि लोग मौजूद रहे। इस दौरान सिटी मजिस्ट्रेट अजीत जयसवाल, सीओ सिटी अर्चना सिंह, शहर कोतवाल अंजन कुमार, बजारिया चैकी इंचार्ज रणधीर सिंह एवं बड़ी संख्या में पुलिस बल के अलावा फायर बिग्रेड की गाड़ी जुलूस के साथ-साथ चल रही थी।
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नेताओं ने भी की जुलूस में शिरकत
जुलूसे मुहम्मदी में राजनीतिक दलों के लोगों ने भी शिरकत की। सांसद नारायनदास अहिरवार, सपा जिलाध्यक्ष दीपराज गुर्जर, पूर्व जिलाध्यक्ष बीरपाल दादी, बसपा जिलाध्यक्ष ब्रजेश जाटव, कांग्रेस जिलाध्यक्ष अरविंद सेंगर, पूर्व अध्यक्ष विजय चैधरी, पूर्व विधायक दयाशंकर बर्मा समेत तमाम नेता मुबारकबाद देने के लिए जुलूस में पहुंचे।
दुनिया में जहां भी रहें आबाद रहेगें, जो आमिना के लाल का मिलाद करेंगें
उरई। गली गली सज गई, शहर शहर सज गया, आए नबी, प्यारे नबी, मेरा भी घर सज गया। यह मनकबत बीती गुरुवार की रात नगर के सभी मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र के हर एक घर व मस्जिद एवं इमाम चौकों पर पूरी शानो शौकत के अल्लाह के नबी मुहम्मद साहब के जन्म दिवस पर जश्ने चिरागा के दौरान पढ़ी गई।
बता दे कि अल्लाहा के चहेते नबी मुहम्मद साहब के जन्म दिवस के मौके पर हर साल की तरह इस साल भी शहर के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में हर एक घर मस्जिद व इमाम चौकों पर जश्ने चिरागा किया गया। जहां पर पूरी रात मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा इस्लामी परचम रंग विरंगी झालरों को जलाकर मुहम्मद साहब के जन्म दिवस पर जश्ने ईद मिलादुन्ननबी मनाई गई। जिसमें नगर के मोहल्ला अथाई मैदान में मुमताज फल वालो, बड़ी मस्जिद पर जमात रजा-ए-मुस्तफा कमेटी व मोहल्ला प्रेमनगर में दोस्ताना कमेटी के पदाधिकारी अब्दुल हक राइन, इबादत अली शानू पत्रकार, बिल्लू शाह, कल्लू खान, शिबू खान द्वारा जश्ने चिरागा किया गया। इसके अलावा नगर के सभी मुस्लिम बहुल्य क्षेत्रों में समाज के बच्चों व नौजवानों द्वारा गालियों में रंग विरंगी लाइटो, खान-ए- काबा एवं मदीना शरीफ के सुन्दर सुन्दर नक्शे बनाएं गए। जो पूरी रात लोगों को आकर्षित करते रहे। मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा पूरी शानों शौकत के साथ मुहम्मद साहब का जन्मदिवस मनाया गया।






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