माधौगढ़-उरई। जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था का ढांचा लड़खड़ा गया है फिर भी जिम्मेदार संभलने को तैयार नही हैं। यहां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आयुष डाक्टर के भरोसे मरीजों के इलाज की खानापूर्ति की जा रही है जो कि उनके जीवन के साथ खिलवाड़ की तरह है।
ध्यान रहे कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का प्रभार अर्ह न होते हुए भी पहले डा. कुलदीप राजपूत को सौंप कर रखा गया था। लेकिन एक विवाद के बाद उन्हें चिकित्साधीक्षक पद से हटाकर इसी अस्पताल में इलाज के लिए लगाया दिया गया था। लेकिन कुंठा में डा. कुलदीप ने किसी मरीज को न देखने और उपचार न करने की ठान रखी है। उनके बिहाफ पर यह काम कुलदीप भास्कर करते हैं जो कि आयुष चिकित्सक हैं और मूल रूप से उनकी पोस्टिंग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोहन में है।
पर डा. कुलदीप राजपूत अपने डे पर उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बुला लेते है। इमरजेंसी सेवा तक डा. राजपूत आयुष डाक्टर से कराते है। इंतहा तो यह है कि मेडिको लीगल केस भी डा. राजपूत के नाम से आयुष डाक्टर ही कर डालते हैं जबकि यह गैरकानूनी है। जिले के विभागीय उच्चाधिकारियों को इस गोलमाल की पूरी जानकारी है। कई और सरकारी अस्पतालों में भी पैसे के दम पर ऐसी अंधेरगर्दी को छूट मिली हुई है। इस मामले में शिकायतें की जाती हैं तो रददी की टोकरी में डाल दी जाती हैं। समाजसेवियों एवं प्रबुद्धजनों ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से जो कि स्वास्थ्य विभाग देख रहे हैं मांग की है कि वे जिले में तमाम सरकार अस्पतालों के आकस्मिक निरीक्षण का कार्यक्रम बना लें तो जो स्थिति सामने आयेगी उससे वे हैरत में पड़ जायेगें।






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