संत का नेत्रहीन होना क्या उनके पूर्व जन्म के पापों का है दंड -चंद्रशेखर


बरेली। आजाद समाज पार्टी के संस्थापक और सांसद चंद्रशेखर आजाद ने बिना नाम लिए विवादित संत राम भद्राचार्य पर जोरदार टिप्पणी की है। उन्होनें कहा कि एक तथा कथित संत की आंखे नही हैं जो शास्त्रों के मुताबिक पूर्व जन्म के उसके पापों का परिणाम क्यों नही माना जाये। उन्होंने कहा कि उसने पूर्व जन्म में कितने पाप किये होगें जिसके कारण कुदरत ने उन्हें आंखे नही दी। ऐसे अनिष्ट से  जनता ज्ञान ले रही है। कितनी बड़ी विडंबना है।
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि वह वाचाल संत कर्मयागियों की धरती मेरठ को मिनी पाकिस्तान बता रहा है। जबकि यह प्रथम स्वाधीनता संग्राम की धरती है और आदि कवि बाल्मीकि की धरती है। उन्होंने कहा कि मैं उन्हें पापी नही कहता, मैं तो जो वे कहते हैं उसी की व्याख्या कर रहा हूं। वे कहते हैं कि क्या लेकर आये थे क्या लेकर जाओगे। जैसा कर्म करोगे वैसा फल मिलेगा। तो अब सोचो कि उन्होंने कितने बुरे कर्म किये होगें, कितने बड़े अपराध किये होगें। फिर भी जनता उनसे ज्ञान लेने की अपेक्षा कर रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

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