उरई। सहकारी समितियों के कर्मचारियों ने 16 सितम्बर से 22 अक्टूबर तक चलने वाले सदस्यता अभियान का बहिष्कार, 22 सितम्बर को उर्वरक वितरण बंद करने और 1 अक्टूबर से समितियों में तालाबंदी करने का निर्णय लिया है। इससे सहकारिता प्रशासन सकते में आ गया है।
गत दिवस इसे लेकर ठड़ेश्वरी मंदिर परिसर में हंगामी बैठक सहकारी समिति संघ के जिलाध्यक्ष प्रियंक पाण्डेय की अध्यक्षता में की गयी। बैठक में कहा गया कि 2023 में समितियों में जो नये सदस्य बनाये गये थे उन्हें इसका लाभ नही दिया गया इसलिए वे सदस्यता अभियान के लिए पहुंचने पर कर्मचारियों से अभद्र भाषा में बात करते हैं जिससे महौल खराब होता है। कर्मचारियों ने कहा कि सदस्यता अभियान बंद किया जाये और उत्तर प्रदेश में भी सहकारी समितियों के कर्मचारियों को मध्य प्रदेश की तर्ज पर वेतन व अन्य सुविधाएं प्रदान की जायें। जिलाध्यक्ष प्रियंक पाण्डेय ने कहा कि समान वेतन और सुविधाओं की मांग लंबे समय से की जा रही है। लेकिन इसकी सुनवाई नही हो रही है। इसलिए मजबूरी में उन्हें आंदोलन का रास्ता चुनना पड़ा। यदि मांगे नही मानी गयी तो समितियों में तालाबंदी कर दी जायेगी। महामंत्री बलराम पाल ने कहा कि कर्मचारी लगातार मेहनत करते हैं लेकिन न तो समय पर वेतन मिलता है और न सुविधाएं। सदस्यता अभियान से कर्मचारियों पर अनावश्यक दबाव पड़ रहा है। इस मौके पर कोषाध्यक्ष रामराजा निरंजन, मीडिया प्रभारी दीपू तिवारी, सोमप्रकाश गुप्ता, पूर्व यूनियन अध्यक्ष नीरज वर्मा, पूर्व महामंत्री सर्वेश श्रीवास्तव, अमित चतुर्वेदी, आजाद सिंह, चंद्रप्रकाश, राजाबाबू निरंजन, मोहित पाल, नितिन, राजेंद्र सिंह, चंद्रप्रकाश चंदू, उदय भान वर्मा, बृजेंद्र कुमार, रानू दिरावटी, विनय कुमार, अभिनव पटेल, महेंद्र रामपुरा, योगेंद्र गुर्जर, बलराम पटेल, रविंद्र कुमार, राजाबाबू, चंचल सिंह, रविंद्र निरंजन, देवेंद्र सिंह, रविकांत, आलोक दीक्षित, गौरव कुशवाहा, सुभाष चंद्र, अमित कुमार, जसवंत सिंह, लाखन सिंह, भारत सिंह, रामकुमार राजपूत, रामहेत तिवारी, रामानुग्रह, आशुतोष सिंह आदि मौजूद रहे।







Leave a comment