उरई। दो दिन पहले कार्यालय में मिले दिव्यांग दंपत्ति की व्यथा सुनने के बाद जिलाधिकारी आज उमरारखेरा स्थित उनके मकान पर जा पहुंचे तो दंपत्ति सुखद आश्चर्य से भर उठे। जिलाधिकारी से वन टू वन बात करते दंपत्ति के आंसू भावुकता के कारण छलक उठे।
उमरारखेरा निवासी अरुण (36वर्ष) और उनकी पत्नी गोल्डी (35वर्ष) दृष्टि बाधित हैं। अरुण के वृद्ध माता-पिता जीवित हैं जिनके भरण-पोषण का भार भी दंपत्ति पर है। आमदनी का स्थायी जरिया न होने से इस परिवार को फांकाकशी की हालत में रहना पड़ रहा है। अरुण और गोल्डी के बच्चों की पढ़ाई भी नही हो पा रही है।
जिलाधिकारी ने आज उनकी मुश्किलों को अपनी आंखों से देखा तो वे दयाद्र हो गये। उन्होंने बीएसए को इस दंपत्ति के बच्चों का दाखिला किसी अच्छे स्कूल में आरटीई के तहत कराने को कहा। जिलापूर्ति अधिकारी को आदेशित किया कि उनके लिए नियमित खाद्यान्न उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाये। नगर पालिका उरई के अधिशाषी अधिकारी से परिवार को रोजगार से जोड़ने की ठोस व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।







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