उरई। 12 साल पुराने अपहरण और फिरौती के मामले में विशेष न्यायाधीश डकैती ने शुक्रवार को 6 आरोपितों को दोष सिद्ध घोषित करते हुए आजीवन कारावास की सजा सुना दी। आरोपितों में से प्रत्येक को 50-50 हजार रुपये अर्थदण्ड भी जमा करना होगा। अदालत ने कहा है कि अर्थदंड की 50 प्रतिशत धनराशि पीड़ित अजय कुमार को दी जाये।
23 जुलाई 2013 की रात थाना एट के चावनपुरा गांव निवासी अजय कुमार अपना मेडिकल स्टोर बंद करके रात लगभग 9 बजे गांव लौटते समय रास्ते में ही लापता हो गये। काफी देर तक उनके घर न आने पर परिवार वाले ढ़ूढ़ने निकले तो एट मार्ग पर अजय की मोटर साइकिल, मोबाइल और चप्पल पड़ी मिली। अगले दिन 24 जुलाई को अजय के छोटे भाई सौरभ ने थाना एट में अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करा दी। 10 दिन बाद 3 अगस्त 2013 की रात कैलिया थाना क्षेत्र के सलैया के जंगल में पुलिस ने मुठभेड़ के बाद पांच बदमाशों को दबोचकर अजय को सकुशल बरामद कर लिया। दो लोग मौके से फरार होने में सफल हो गये थे बाद में पुलिस ने उनको भी अभियुक्तों के साथ जोड़ दिया।
सुनवाई के दौरान एक अभियुक्त बालकिशुन की मौत हो गयी। अन्य अभियुक्तों में प्रीतम जमादार, संदीप कुमार, प्रदीप कुमार, मो. इकबाल, उमेश मिश्रा और दीपक उर्फ दिनेश को दोषी करार देकर अदालत ने आजीवन कारावास और 50-50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुना दी। कोर्ट ने जुर्माने से वसूल होने वाली रकम का 50 प्रतिशत पीड़ित अजय कुमार को दिलाने के निर्देश दिये।






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