उरई। न्यायिक अधिकारियों की टीम के साथ जिलाधिकारी ने मंगलवार को जिला कारागार का निरीक्षण किया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक डा. दुर्गेश कुमार भी निरीक्षण में शामिल रहे।
प्रभारी जिला न्यायाधीश सतीश चंद्र द्विवेदी के नेतृत्व वाली न्यायिक टीम ने निरीक्षण में खासतौर से कैदियों और बंदियों को देय मानवीय सुविधाओं की स्थिति को परखा। उन्होंने जेल में निरुद्ध बंदियों के भोजन, स्वास्थ्य सुविधा व साफ-सफाई की स्थिति का जायजा लिया और विसंगतियों के निराकरण के लिए जेल अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। न्यायिक टीम ने अपर जिला जज पारुल पवार तथा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अभिषेक खरे भी शामिल थे।
न्यायिक टीम ने बंदियों को कानूनी सहायता की उपलब्धता के बारे में भी जांच की। उन्होंने बताया कि आर्थिक रूप से दुर्बल बंदियों को अदालत में उनकी पैरवी के लिए निःशुल्क अधिवक्ता की व्यवस्था का प्रावधान है। असमर्थ बंदियों से इसके लिए आवेदन कराया जाना चाहिए।
जिलाधिकारी ने जेल अधिकारियों से कहा कि जेल के अंदर किसी भी कैदी को मोबाइल की सुविधा उपलब्ध नही होनी चाहिए। उन्होंने बीमार कैदियों के उपचार में तत्परता बरतने को कहा। पुलिस अधीक्षक डा. दुर्गेश कुमार ने कहा कि बंदियों के मुलाकातियों पर भी निगाह रखी जानी चाहिए तांकि जेल के अंदर से किसी दुर्दांत को बाहर बड़ी साजिश अंजाम दिलाने में कामयाबी न मिल पाये। निरीक्षण टीम ने फिलहाल जेल की व्यवस्थाओं को लेकर संतोष प्रकट किया। मुख्य चिकित्साधिकारी नरेंद्र देव शर्मा भी साथ रहे।







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