उरई। मिशन शक्ति फेज 05 के दौरान बड़ा विपर्यास सामने आया। राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की छात्राएं अपने अभिभावक के साथ कॉलेज की प्रधानाचार्या के अमानवीय स्तर के उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत करने कलेक्ट्रेट पहुंची। उन्होंने प्रधानाचार्या के पति के अनधिकृत रूप से विद्यालय आकर उनके उत्पीड़न में भूमिका निभाने का आरोप लगाया।
शिकायत करने वालीं छात्राओं के आरोपों पर विश्वास किया जाये तो यह मिशन शक्ति को चुनौती देने जैसा दुस्साहस है। कथित तौर पर उत्पीड़न की शिकार दो छात्राओं के पिता राजकिशोर शर्मा ने बताया कि जीजीआईसी में छात्राओं के लिए जेल से ज्यादा बुरी स्थितियां हैं। उन्हें टायलेट तक के लिए नही जाने दिया जाता। प्रधानाचार्या छात्राओं से अभद्र भाषा का प्रयोग करती हैं। इस दौरान अपने पति को भी बुलवा लेती हैं। वे भी छात्राओं को धमकी देते हैं। राजकिशोर शर्मा ने कहा कि उन्होंने प्रधानाचार्या के सामने जाकर विरोध प्रकट किया तो उनके खिलाफ पुलिस में प्रार्थना पत्र दे दिया गया। जबकि यह कैसे विश्वसनीय हो सकता है।
एक छात्रा ने कहा कि प्रधानाचार्या द्वारा उनकी पिटाई भी की जाती है। कई छात्राएं इसीलिये खुलकर कुछ नही कह पा रहीं हैं कि प्रधानाचार्या ने उन्हें विद्यालय से निष्कासित करने की धमकी देकर भयभीत कर रखा है। बहरहाल यह आरोप जांच का विषय है। प्रशासन किसी सक्षम अधिकारी को मौके पर जांच के लिए भेजेगा तभी स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। छात्राएं और उनके अभिभावक जिलाधिकारी के समक्ष अपनी व्यथा कहने आये थे लेकिन जिलाधिकारी दशहरा और दुर्गा प्रतिमा विसर्जन की व्यवस्थाओं के निरीक्षण के लिए भ्रमण पर होने की वजह से उन्हें उपलब्ध न हो सके। उन्होंने आगामी कार्य दिवस में पुनः जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत होने का प्रयास करने की बात कही है।







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