माधौगढ़-उरई। मनरेगा में मजदूरी भुगतान के नाम पर भारी धांधली हो रही है। लूप होल्स मूंदने के लिए सरकार ने हर ग्राम पंचायत में कार्य और मजदूरों के नाम चित्र सहित अपलोड करने के लिए एक एप बनाया है। लेकिन इसमें भी सरकार को चकमा देने की तरकीब खोज ली गयी है।
ब्लाक के खंड विकास अधिकारी अरुण कुमार सिंह का नाम प्रदेश के एक माफिया से जोड़ा जाता है। जिनकी सत्ता केंद्र में शीर्ष पर बैठे लोगों से अच्छी लागडाट है। नतीजा यह है कि अरुण कुमार सिंह बेखौफ होकर काम करते हैं। ब्लाक की हर ग्राम पंचायत में फर्जी भुगतान का बोलबाला देखा जा रहा है।
अंदर के सूत्रों ने बताया कि एनएमएमएस एप पर मनरेगा के कार्य का जो सचित्र विवरण लोड होता है उसमें साफ देखा जा सकता है कि मजदूरों के नाम तो संबंधित ग्राम पंचायत के हैं लेकिन फोटो उनकी न होकर इंटरनेट से निकाली गयी किसी और जनपद और गांव की फोटो होती है। अगर उच्चाधिकारी सत्यापन करें तो इस धोखाधड़ी को आसानी से पकड़ा जा सकता है। इस बीच एक सामाजिक संगठन ने इस धोखाधड़ी का ब्यौरा इकटठा करना शुरू कर दिया है। जो तैयार होने के बाद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को सौंपा जायेगा।






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