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उरई। तहसील सभागार में शनिवार को आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में जिलाधिकारी की शिकायत पीड़ित लोगों को त्वरित राहत दिलाने की मंशा सामने दिखी जिससे संपूर्ण समाधान दिवस की सार्थकता को नये आयामों ने छू लिया।
संपूर्ण समाधान दिवस लोगों की शिकायतें लेकर संबंधितों के पाले में गेंद डालने के लिए बदनाम हो चुका है। लेकिन जालौन जिले में वर्तमान जिलाधिकारी की कारण इसके लाभ का लोगों को प्रत्यक्ष अनुभव हो रहा है। आज कुकरगांव निवासी श्यामजी उनके सम्मुख दाखिल-खारिज आदेश में गलत नाम दर्ज हो जाने की शिकायत को लेकर पेश हुए। श्यामजी को उम्मीद नही थी कि उनको इतनी जल्दी समाधान मिल सकेगा। जिलाधिकारी ने पूरी बात सुनी और राजस्व अमले से मौके पर ही उनकी समस्या का निदान कराया। इसी दौरान नम्रता नाम की अनाथ बच्ची अपने दो जुड़वा भाइयों और बहन को लेकर उनके सामने पहुंची। उसने बताया कि उसके माता-पिता और दादा-दादी सभी का निधन हो चुका है। वह अपने भाई-बहनों के साथ पढ़ाई जारी रखना चाहती है।
जिलाधिकारी उसका जज्बा देखकर रोमांचित हो गये। उन्होंने जिला बेसिक शिक्षाधिकारी से कहा कि बच्चियों का दाखिला तत्काल कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में करायें और वहां से यूनीफार्म, किताबें व अन्य आवश्यक सामग्री इनकों उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उसके भाइयों के लिए कहा कि इनको राजकीय शिशु सदन झांसी या ललितपुर में सुरक्षित आश्रय दिलाने का प्रयास व्यक्तिगत रूप से करें। उन्होंने कहा कि इन बच्चों की देखरेख की पूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन और सरकार की होगी। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना एवं अन्य योजनाओं से भी इनको लाभांवित कराया जायेगा।
इस अवसर पर उप जिलाधिकारी नेहा व्याडवाल, प्रभागी वनाधिकारी प्रदीप यादव, मुख्य चिकित्साधिकारी नरेंद्र देव शर्मा और सीओ अर्चना सिंह आदि उपस्थित थे।








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