उरई, 7 अक्टूबर 2025 (सू.वि.): उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पारुल पँवार ने मंगलवार को जिला कारागार उरई का साप्ताहिक भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न बैरकों का निरीक्षण कर निरुद्ध बन्दियों से उनकी समस्याओं के बारे में पूछताछ की और जेल प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।निरीक्षण में पारुल पँवार ने उन बन्दियों की सूची जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जालौन को भेजने का निर्देश दिया, जिनकी जमानत सक्षम न्यायालय से स्वीकृत हो चुकी है, लेकिन जमानतगीर न होने के कारण वे रिहा नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी सूची के आधार पर प्रभावी पैरवी कर बन्दियों को शीघ्र रिहा करवाया जाए। साथ ही, आर्थिक रूप से कमजोर बन्दियों की जमानत जिला अधिकार प्राप्त समिति, जालौन के माध्यम से राज्य की ओर से करवाने के निर्देश दिए।उन्होंने कारागार चिकित्सालय में बन्दियों के स्वास्थ्य के बारे में चिकित्साधिकारी से जानकारी प्राप्त की और महिला बन्दियों व उनके साथ रह रहे बच्चों की चिकित्सा, खान-पान व अन्य सुविधाओं का जायजा लिया। बाल कारागार में निरुद्ध बन्दियों से अलग-अलग बातचीत कर उनकी समस्याओं को समझा।पारुल पँवार ने जेल प्रशासन को निर्देशित किया कि जिन बन्दियों का निजी अधिवक्ता नहीं है या जिनके मुकदमों की पैरवी विधिवत नहीं हो पा रही, उन्हें विधिक सहायता उपलब्ध कराई जाए। विचाराधीन बन्दियों को सरकारी खर्चे पर अधिवक्ता की आवश्यकता होने पर संबंधित न्यायालय में प्रार्थनापत्र दाखिल कर एमाइकस क्यूरी (न्यायमित्र) की सुविधा सुनिश्चित की जाए। दोषसिद्ध बन्दियों की अपील न होने की स्थिति में जेल अपील समयबद्ध तरीके से कराई जाए। यदि जेल अपील में कोई विधिक समस्या हो, तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति से पत्राचार किया जाए।इस अवसर पर कारापाल प्रदीप कुमार, चिकित्साधिकारी डॉ. तारा सहजानन्द, उपकारापाल अमर सिंह और रामलखन सहित अन्य जेल प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।







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