ऐसा कोई चैनल नहीं बचा जिस पर भरोसा किया जा सके : राहुल देव

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तथ्य ही पत्रकारिता की आत्मा पर आज इसका ही सबसे ज्यादा अभाव

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वरिष्ठ पत्रकार अनिल शर्मा के सम्मान में गोष्ठी के साथ पत्रिका का विमोचन

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उरई। जिले के साथ विभिन्न हिस्सों में करीब पांच दशक तक अनिल शर्मा द्वारा की गई मेहनत और समर्पण का प्रतिफल जिस रूप में उन्हें मिला, इसे देखकर नामचीन संपादकगण और समाज विशेषज्ञ भी दंग रह गए। सबने स्वीकार किया कि एक पत्रकार के रूप में श्री शर्मा ने जो किरदार निभाया उसे यहां के लोग सम्मान पूर्वक लौटाते दिख रहे हैं। किसी पत्रकार को और क्या चाहिए ? इससे बड़ा पुरस्कार और कोई नहीं हो सकता !

शहर के मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम में यूपी एसोशिएशन ऑफ जर्नलिस्ट के तत्वावधान में एक वृहद गोष्ठी रखी गई जो अनिल शर्मा के पत्रकारिता के 50 वर्ष पूरे  होने के उपलक्ष्य में थी। वरिष्ठ पत्रकार और समीक्षक राहुल देव के संबोधन ने उपस्थित समूह को सबसे ज्यादा प्रभावित किया। हालांकि जन सरोकारों से जुड़े मसलों को बड़ी मुखरता और प्रभावी तरीके से उठाने वाले उत्कर्ष सिन्हा को भी सुनने की भूख लोगों में थी पर उनकी समय विवशता ने ऐसा संभव न होने दिया। फिर भी राहुल देव ने पत्रकारिता के लिए बड़ी कीमती बातें कहीं। वे खरी – खरी पर सुनने लायक थीं।

उन्होंने कहा कि पत्रकारिता की आत्मा खबर का तथ्य है। खबर का इसी से मूल संबंध होना चाहिए। तथ्य से बड़ा पत्रकार के लिए कुछ भी नहीं। लेकिन अब तो सत्यहीन खबरों की बाढ़ आ चुकी है। खुद का आधारहीन गढ़ा हुआ सत्य पब्लिक के सामने परोसा जा रहा है। खबरें संदिग्ध और प्रायोजित होती हैं। सच कहूं तो एक भी समाचार चैनल ऐसा नहीं है, जिस पर भरोसा किया जा सके। पत्रकार अब पक्षकार बनते जा रहे हैं , जो कि लोकतंत्र के लिए भी घातक है। पत्रकार और प्रवक्ता बनने के फर्क को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता की भूमिका लोकतंत्र को बनाने और उसे बचाने की है। लोकतंत्र बाहुबल या जोर जबरजस्ती से नहीं चलाया जा सकता। अब तो चैनल और अखबार सरकार की चापलूसी में डूबे हैं। ज्ञान लुप्त समाज सभी के लिए नुकसानदेय होगा। अंत में उन्होंने कहा कि अनिल शर्मा की छवि,संबंध और प्रतिष्ठा कैसी है ? आज यहां आकर पता चला। किसी भी पत्रकार के लिए कर्म आधारित ऐसा सम्मान बहुत प्रेरणास्पद होता है। अनिल का त्याग आज उनकी छवि बनाने में काम आया।

गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे अमर उजाला के पूर्व संपादक एवं माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल के पूर्व कुलपति अच्युतानंद मिश्र ने कहा कि महान स्वतंत्रासेनानी पत्रकारिता से निकले। उन्होंने देश के लिए बिना भयभीत हुए समाज में चेतना जाग्रत की। इस दौरान उन्होंने मदन मोहन मालवीय के सिद्धांतों को बताया। कहा कि पहले पत्रकारिता सत्यता के मार्ग पर आगे बढ़ी। 

वरिष्ठ पत्रकार संदीप पौराणिक  ने अनिल शर्मा को दोस्ती का फेविकोल बताया। कहा कि पत्रकार की इतने आत्मीय भाव से सम्मान होते हुए पहले बार देखा। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता समर्पण और ईमानदारी चाहती है। आज के पत्रकार नेताओं और अधिकारियों के पीआर बने हुए दिखते हैं। 

जल के क्षेत्र में अनुकरणीय भूमिका निभा रहे डॉ. संजय सिंह परमार्थ ने कहा कि मैंने शर्मा जी की जीवटता और कार्य के प्रति समर्पण देखा है। उनमें नया करने का जुनून है तथा अपने उसूलों के प्रति अडिग रहते हैं।

राज्यमंत्री रामकेश निषाद और पूर्व राज्य मंत्री रवींद्र शुक्ला ने श्री शर्मा की कार्य पद्धति को समाज के लिए बड़ा लाभपरक व अनुकरणीय बताया। कानपुर – बुंदेलखंड क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल सहित अन्य लोगों ने भी संबोधन किया। गोष्ठी का प्रभावपूर्ण संचालन कोंच के डॉ. मृदुल दांतरे ने किया।

इस दौरान यूटा के प्रांतीय नेता डॉ. राजेंद्र राजपूत , नृपेंद्र देव सिंह सहित उनके अन्य पदाधिकारियों ने 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में अनिल शर्मा को पुष्प हार पहनाकर उनका सम्मान किया। इस दौरान जिले एवं बाहर से आए लोगों की ओर से भी सम्मान किया गया। सम्मानित करने का सिलसिला अनवरत बना रहा।

इस दौरान  राष्ट्रीय सहारा के संपादक ब्रजेश मिश्रा,सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा, कालपी विधायक विधायक विनोद चतुर्वेदी, डॉ. घनश्याम अनुरागी, बृजभूषण मुन्नू, डॉ पी एन त्रिपाठी,किसान नेता राजवीर सिंह जादौन, प्राचार्य डॉ.राकेशनारायणद्विवेदीललितपुर,शिक्षक नेता डॉ अशोक राठौर, बाबा बालकदास पाल, उर्विजा दीक्षित, पूर्व कस्टम अधिकारी शंभुदयाल, पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुदामा दीक्षित, इन्फोपार्क निदेशक अभय द्विवेदी, मंत्री प्रतिनिधि अरविंद चौहान, सपा प्रांतीय नेता प्रदीप दीक्षित, वरिष्ठ साहित्यकार यज्ञदत्त शर्मा, डा. रमेश चंद्रा,  डा. रेनू चंद्रा,वरिष्ठ पत्रकार के पी सिंह, रामशरण जाटव, जिला उपाध्यक्ष रेखा वर्मा,सुधीर डांगरा, डॉ रेहान सिद्दीकी, मिर्जा साबिर बेग, पूर्व जिलाध्यक्ष नागेंद्र गुप्ता, डॉ. नईम बॉबी, कवि अर्जुन सिंह चांद, रामकुमार जादौन, चौधरी जयकरन सिंह, डॉ.रामाधीन, शिक्षक धर्मेंद्र बबेले, गरिमा पाठक, पूर्व सांसद भैरव प्रसाद मिश्रा, जीतू त्रिपाठी,  समारोह संयोजक अचल शर्मा,  सत्येंद्र पस्तोर, ब्यूरो चीफ, मनोज राजा,सुधीर राना, राहुल दुबे , सुनील शर्मा, अजय सहारा, विष्णु बल्लभ चंसौलिया, प्रकाश नारायण द्विवेदी, अजय सोनी, सलिल तिवारी, आशुतोष द्विवेदी सफल, विनय गुप्ता, पिंकी पुरवार रामपुरा, बल्लू , शानू आदि उपस्थित रहे।

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