उरई, 14 अक्टूबर | : जालौन जिले के कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में कर, करेत्तर, और राजस्व कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभिन्न विभागों की राजस्व वसूली और कार्य प्रगति की गहन समीक्षा की गई, जिसमें कमियों पर सख्त रुख अपनाते हुए सुधार के लिए तीन दिन का अल्टिमेटम दिया गया।
राजस्व वसूली में लापरवाही पर चेतावनी
जिलाधिकारी ने आबकारी, स्टाम्प, परिवहन, विद्युत, खनिज, और व्यापार कर विभागों में लक्ष्य के सापेक्ष राजस्व वसूली में कमी पर नाराजगी जताई। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को तीन दिनों में सुधारात्मक कार्रवाई करने और कम वसूली पर प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने के निर्देश दिए। साथ ही, मंडी परिषद को राजस्व वसूली में तेजी लाने का आदेश दिया। जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि लक्ष्य प्राप्ति में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
पुराने राजस्व वादों का निस्तारण प्राथमिकता
जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारियों और तहसीलदारों को तीन वर्ष से अधिक पुराने राजस्व वादों को प्राथमिकता से निपटाने के निर्देश दिए। उन्होंने धारा 34 और 116 के अंतर्गत लंबित वादों को जल्द से जल्द समाप्त करने पर जोर दिया ताकि आम जनता को समय पर न्याय मिल सके।
अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई
जिलाधिकारी ने सरकारी भूमि, तालाब, चारागाह, और अन्य सार्वजनिक संपत्तियों पर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ प्रभावी अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण की शिकायत मिलने पर राजस्व और पुलिस टीम संयुक्त रूप से तत्काल कार्रवाई करे।
पारदर्शिता और तत्परता पर जोर
जिलाधिकारी ने सभी विभागों को जनपद के विकास कार्यों को गति देने और शासन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पारदर्शिता, तत्परता, और उत्तरदायित्व के साथ कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों से फील्ड में रहकर समस्याओं का समाधान करने और जनहित के कार्यों में लापरवाही न बरतने की अपील की। बैठक में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) संजय कुमार, अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) योगेंद्र सिंह, अपर जिलाधिकारी (नमामि गंगे) प्रेमचंद मौर्य, नगर मजिस्ट्रेट राजेश कुमार वर्मा, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/उप जिलाधिकारी नेहा ब्याडवाल सहित सभी उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, और संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।







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