उरई | : जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने मंगलवार को नगर पालिका उरई द्वारा बनाए जा रहे शहीद पार्क के निर्माण कार्य का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने निर्माण कार्य में धीमी प्रगति और निर्धारित समयसीमा में कार्य पूर्ण न होने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। डीएम ने संबंधित अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने का आदेश दिया।निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि शहीद पार्क का निर्माण कार्य न केवल समयसीमा से पीछे चल रहा है, बल्कि गुणवत्ता के मानकों पर भी पूरी तरह खरा नहीं उतर रहा। उन्होंने इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए नगर मजिस्ट्रेट राजेश कुमार वर्मा को निर्देश दिए कि संबंधित ठेकेदार के खिलाफ एलडी (लिक्विडेटेड डैमेज) क्लॉज के तहत कटौती की जाए। यह कटौती शासन के नियमों के अनुरूप जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए की जाएगी। डीएम ने स्पष्ट किया कि शहीद पार्क का निर्माण न केवल शहर की सौंदर्यता के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह शहीदों के सम्मान में बनाया जा रहा एक प्रतीकात्मक स्थल भी है। उन्होंने कहा, “ऐसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ठेकेदार और संबंधित अधिकारी समयसीमा का पालन करें और गुणवत्ता से कोई समझौता न हो।”जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्माण कार्य की प्रगति की नियमित निगरानी करने और किसी भी तरह की देरी से बचने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कार्य शीघ्र पूरा नहीं हुआ तो और सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि निर्माण में प्रयुक्त सामग्री और कार्य की गुणवत्ता उच्च स्तर की हो। निरीक्षण के दौरान नगर मजिस्ट्रेट राजेश कुमार वर्मा, अधिशासी अभियंता (विद्युत), आर्किटेक्ट और अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। अधिकारियों ने डीएम के निर्देशों का पालन करने और निर्माण कार्य को तेजी से पूरा करने का आश्वासन दिया। स्थानीय लोगों ने डीएम की इस पहल का स्वागत किया है। उनका कहना है कि शहीद पार्क का निर्माण लंबे समय से लंबित था, और अब डीएम की सख्ती से उम्मीद है कि यह प्रोजेक्ट जल्द पूरा होगा। शहीद पार्क के निर्माण से न केवल शहर का सौंदर्यीकरण होगा, बल्कि यह शहीदों के प्रति सम्मान प्रकट करने का एक महत्वपूर्ण स्थल भी बनेगा। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि निर्माण कार्य की प्रगति की नियमित रिपोर्ट उनके कार्यालय को प्रस्तुत की जाए, ताकि किसी भी स्तर पर होने वाली देरी को तुरंत संबोधित किया जा सके। इस मामले में आगे की कार्रवाई और प्रगति पर सभी की नजरें टिकी हैं।







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