उरई, 21 अक्टूबर | दीपावली के पावन पर्व पर जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने पिया निरंजनपुर स्थित गौशाला का दौरा कर 493 संरक्षित गौवंशों को अपने हाथों से गुड़, चना और केला खिलाकर गोसेवा का प्रेरणादायक संदेश दिया। इस हृदयस्पर्शी क्षण में डीएम ने गौवंश को स्नेह भरी नजरों से सहलाया और समाज को गौमाता की सेवा को पुण्य कार्य बताते हुए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि गौवंश न केवल हमारी भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक हैं, बल्कि ये कृषि अर्थव्यवस्था का आधार भी हैं। इनकी देखभाल करना हमारा नैतिक दायित्व है, जो हमें आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।गौशाला पहुंचते ही जिलाधिकारी ने वहां की व्यवस्थाओं का विस्तृत जायजा लिया। उन्होंने गौशाला में साफ-सफाई, भोजन, चिकित्सा सुविधाओं और अन्य प्रबंधनों की बारीकी से जांच की। भूसे, चोकर, चारे और पानी की गुणवत्ता का अवलोकन करते हुए डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चालू रहें, ताकि किसी भी गौवंश को कोई असुविधा न हो। उन्होंने स्पष्ट किया, “गौशाला में स्वच्छता और पौष्टिक आहार की कमी किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रशासन गौवंश संरक्षण के लिए सभी आवश्यक संसाधनों को प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराएगा, चाहे वह चिकित्सा हो या बेहतर आवास।”जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को गौशाला के प्रबंधन में और सुधार लाने के निर्देश दिए। उन्होंने नियमित निगरानी, समय पर चिकित्सा जांच और पर्याप्त चारे की आपूर्ति सुनिश्चित करने पर जोर दिया। डीएम ने यह भी कहा कि गौसेवा केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज का कर्तव्य है। दीपावली जैसे त्योहार पर गौवंश को स्नेह प्रदान करना हमें अपनी जड़ों से जोड़ता है और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देता है।इस अवसर पर नगर मजिस्ट्रेट राजेश कुमार वर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज अवस्थी, खंड विकास अधिकारी, पंचायत सचिव तथा अन्य संबंधित अधिकारी और गौशाला कर्मचारी उपस्थित रहे। अधिकारियों ने डीएम के निर्देशों का पूर्ण पालन करने का आश्वासन दिया और गौशाला को आदर्श बनाने के प्रयासों को तेज करने की प्रतिबद्धता जताई।स्थानीय निवासियों ने जिलाधिकारी की इस पहल की सराहना की है। उनका कहना है कि डीएम का यह कदम न केवल गौसेवा को बढ़ावा देगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में पशु संरक्षण के प्रति जागरूकता भी फैलाएगा। पिया निरंजनपुर गौशाला, जो जिले की प्रमुख संरक्षण इकाई है, अब और बेहतर ढंग से संचालित होने की उम्मीद है। डीएम ने निरीक्षण के अंत में गौशाला प्रबंधन को प्रगति रिपोर्ट नियमित रूप से प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए, ताकि किसी भी कमी को तुरंत दूर किया जा सके।यह घटना दीपावली के उत्सव में एक अनूठा आयाम जोड़ती है, जहां रोशनी के साथ-साथ सेवा और संरक्षण का संदेश भी प्रज्वलित हो रहा है। जिले में गौवंश संरक्षण के अन्य प्रयासों पर भी अब अधिक ध्यान दिया जाएगा।







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