कालपी, 22 अक्टूबर: दीपावली के पावन पर्व के अंतर्गत यमद्वितीया (भैया दूज) के शुभ अवसर पर 23 अक्टूबरको कालपी के सुप्रसिद्ध तीर्थ स्थल किलाघाट में मां यमुना की महाआरती, दीपदान और सर्वधर्म मेला का भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह जानकारी समाजसेवी संस्था रामो वामो क्लब के संस्थापक सदस्य एवं अध्यक्ष नरेंद्र तिवारी ने दी। इस आयोजन में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ धार्मिक और सामाजिक एकता का संदेश भी दिया जाएगा।
किलाघाट: कालपी का पवित्र तीर्थ स्थल
कालपी नगर का किलाघाट, जहां भगवान बिहारी जी, राधा माधव जी, भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी विराजमान हैं, एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता है। इस पवित्र स्थल पर हरिद्वार की तर्ज पर मां यमुना की महाआरती और विधिवत पूजन-अर्चना का आयोजन होगा। नरेंद्र तिवारी ने बताया कि भगवान सूर्य की पुत्री और यमराज की बहन मां यमुना की कृपा से मानव कल्याण और आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है। इस अवसर पर दीपदान और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से सामाजिक एकता और धार्मिक चेतना को बढ़ावा दिया जाएगा।
रामो वामो क्लब की भूमिका
रामो वामो क्लब, जो पिछले 26 वर्षों से कालपी में सामाजिक चेतना और सामुदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है, इस आयोजन की मुख्य संयोजक संस्था है। तत्कालीन एसडीएम कालपी शुभ्रांत शुक्ला की प्रेरणा से वर्ष 2009 में शुरू हुई यमुना मैया की साप्ताहिक आरती की परंपरा आज 16 वर्षों से निर्बाध रूप से जारी है। क्लब के अध्यक्ष महेंद्र गौतम, कार्यकर्ताओं और नगरवासियों के सहयोग से प्रत्येक रविवार को सायंकाल यमुना आरती और पूजन का आयोजन किया जाता है।
महाआरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम
23 अक्टूबर को यमद्वितीया के अवसर पर किलाघाट पर होने वाली महाआरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे। इस दौरान मां यमुना की विधिवत पूजा, दीपदान और भक्ति भजनों का आयोजन होगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुतियां दी जाएंगी, जो धार्मिक चेतना और सामाजिक एकता का संदेश देंगी। नरेंद्र तिवारी ने बताया कि यह आयोजन सभी धर्मों और समुदायों के लोगों को एक मंच पर लाता है, जिससे कालपी में सर्वधर्म सद्भाव की भावना मजबूत होती है।
सामाजिक और धार्मिक महत्व
यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक एकता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी योगदान देता है। यमुना नदी, जो भारतीय संस्कृति में पवित्र मानी जाती है, की स्वच्छता और संरक्षण के लिए भी इस अवसर पर लोगों को प्रेरित किया जाएगा। रामो वामो क्लब के प्रयासों ने कालपी को एक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में और अधिक पहचान दिलाई है।
नगरवासियों से अपील रामो वामो क्लब ने कालपी के सभी नागरिकों से इस आयोजन में शामिल होने की अपील की है। नरेंद्र तिवारी ने कहा, “मां यमुना की महाआरती और सर्वधर्म मेला न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक एकता को मजबूत करने का अवसर भी है।” आयोजन में स्थानीय प्रशासन और पुलिस की ओर से भी सुरक्षा और व्यवस्था के लिए विशेष इंतजाम किए जाएंगे।कालपी का यह आयोजन मां यमुना के प्रति श्रद्धा और सामुदायिक एकता का एक अनूठा उदाहरण बनेगा






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