उरई। योगी सरकार एक ओर सार्वजनिक परिसंपत्तियों को अवैध कब्जों से खाली कराने की मुहिम चला रही है तो दूसरी ओर रामपुरा विकास खंड की सहकारी समिति के भवन पर पिछले एक दशक से कब्जा जमाये हुए सचिव द्वारा इसे जारी रखने की हेकड़ी जता रहा है।
ध्यान रहे कि नावर निवासी अनूप कुमार चतुर्वेदी ने 10 दिन पहले जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर बताया था कि नावर बहुउददेशीय सहकारी समिति के लाखों रुपये के भवन को यहां पदस्थ सचिव भगवती व्यास द्वारा निजी संपत्ति के बतौर अपने उपयोग में इस्तेमाल किया जा रहा है। गांव वालों की आपत्ति के बावजूद न तो तहसील प्रशासन ने और न ही सहकारी अधिकारियों ने इसे संज्ञान में लिया।
उन्होंने शिकायती पत्र में कहा कि उक्त सचिव द्वारा समिति भवन के कमरों में भूसा और गल्ला भरकर रखा गया है। साल भर इसी तरह इसका माल समिति में भरा रहता है जिससे किसानों को इसका कोई लाभ नही मिल रहा। जिलाधिकारी ने शिकायत पर गंभीर रूप अपनाते हुए उपजिलाधिकारी माधौगढ़ को समिति भवन खाली कराने और इस पर नाजायज कब्जा रखने के लिए संबंधित सचिव के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिये थे। पर अभी तक एसडीएम साहब को न तो स्वयं नावर पहुंचकर कब्जा देखने की फुर्सत मिली और न ही उन्होंने अपने किसी अधीनस्थ को भेजने की जहमत उठाई है।
अधिकारियों की इस निष्क्रियता से लोगों में रोष देखा जा रहा है। उधर सचिव ने अधिकारियों को गुमराह करने के लिए आज ट्रैक्टर पहुंचाकर गल्ला उठवाने का प्रयास किया तो ग्रामीणों ने डायल 112 पर फोन कर दिया। पुलिस के पहुंचने पर सचिव का कहना था कि वे थानाध्यक्ष की अनुमति से गल्ला हटा रहे हैं। जबकि थानाध्यक्ष को इस मामले में दखल का कोई अधिकार नही है। ग्रामीणों ने समिति से माल उठाकर ट्रैक्टर में रखे जाने की वीडियोग्राफी कर ली है जो सचिव की करतूत की खुली गवाही दे रहा है।







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