उरई। यमुना पैलेस सभागार में मंगलवार को इफको नैनो उर्वरक उपयोग महाभियान के अंतर्गत रबी फसल विचार गोष्ठी का आयोजन जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। गोष्ठी में हजारों की संख्या में किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और कृषि वैज्ञानिकों से नैनो तकनीक, उर्वरक संतुलन तथा फसल प्रबंधन से जुड़ी नवीनतम जानकारियाँ प्राप्त कीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह मुन्नू ने की जबकि ओजस्वी संचालन इफको के निदेशक महेश पाण्डेय ने किया। दो दिन से जारी बारिश के बीच भारी संख्या में किसानों की उपस्थिति से कार्यक्रम महा अभियान की सफलता की नई इबारत लिखने वाला सिद्ध हुआ।
जिलाधिकारी ने आगामी रबी फसलों विशेषकर मटर व गेहूं में इफको नैनो डी.ए.पी. के प्रयोग की सलाह देते हुए कहा कि पारंपरिक दानेदार उर्वरकों का उपयोग अब संतुलित मात्रा में ही किया जाए। उन्होंने नैनो तकनीक के महत्व पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि भविष्य की खेती नैनो उर्वरकों पर आधारित होगी, जिससे न केवल लागत घटेगी बल्कि मृदा की गुणवत्ता भी बनी रहेगी। जिलाधिकारी ने नैनो उर्वरक अथवा संतुलित उर्वरक का सफल प्रयोग करने वाले 12 प्रगतिशील किसानों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने जनपद के कृषकों की मेहनत और उत्कृष्ट उत्पादन की सराहना करते हुए कहा कि जनपद के किसान अपनी लगन और वैज्ञानिक सोच से राज्य स्तर पर पहचान बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल की बेमौसम वर्षा से किसानों को हुए नुकसान का सर्वे कराया जा रहा है, और जिन किसानों की फसल बीमा योजना में सम्मिलित है, उन्हें शीघ्र मुआवजा उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही किसानों से फसल चक्र अपनाने और वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों से आय बढ़ाने का आह्वान किया।
मुख्य विकास अधिकारी केके सिंह ने मृदा की प्राकृतिक उर्वरता एवं मृदा स्वास्थ्य पर बल देते हुए कहा कि कृषक उर्वरकों का अंधाधुंध प्रयोग न करें, बल्कि मिट्टी परीक्षण के आधार पर वैज्ञानिक विधि से उर्वरक का उपयोग करें।
इफको लखनऊ से पधारे वैज्ञानिक आरके नायक ने नैनो डी.ए.पी. व नैनो यूरिया की उपयोग विधि, लाभ और प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की।
कार्यक्रम में कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, एवं कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन इफको के क्षेत्रीय प्रतिनिधि शुभम मिश्रा द्वारा किया गया।







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