जगम्मनपुर-उरई। यमुना नदी की अविरलता, निर्मलता तथा उसे सतत प्रवाहमान और प्रदूषणमुक्त बनाए रखने के उद्देश्य से से परमार्थ समाज सेवी संस्थान द्वारा देव दीपावली या कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पांच नदियों के संगम पंचनदा (कंजौसा) में यमुना नदी संवाद का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपस्थित जल सहेलियों ने संकल्प लिया कि निकट भविष्य में वे पचनदा से लेकर दिल्ली तक की यमुना पदयात्रा आयोजित करेंगी। यह यात्रा लगभग चार सौ किलोमीटर लंबी होगी, और देश में यमुना नदी को बचाने के लिए महिलाओं द्वारा आयोजित पहली महिलाओं की पदयात्रा के रूप में इतिहास में दर्ज होगी।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आये जिलाधिकारी श्री राजेश कुमार पाण्डेय जी ने नदी बचाने के लिए जल सहेलियों द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की तथा कहा कि नदियों के बिना हमारा अस्तित्व ही खतरे में है हम सबको नदियों को निर्मल और प्रदूषण मुक्त रखने में अपना योगदान करना चाहिए।
पुलिस अधीक्षक डा0 दुर्गेश कुमार जी ने कहा कि कि लगातार अवैध नालों से गिरने वाले गंदे पानी के कारण आज यमुना नदी के पानी की गुणवत्ता एक बड़ा मुद्दा है। सीवर एवं अवैध नालों से गिरने वाले पानी पर तुरंत रोक लगाकर यमुना नदी के पानी में सुधार किया जा सकता है ताकि यह पेयजल आपूर्ति के लिए एक सुरक्षित और स्वच्छ स्रोत बन सके।
मुख्य चिकित्साधिकारी देवेन्द्र कुमार जी एवं सामाजिक कार्यकर्ता चेतना शर्मा, मनीष राजपूत ने भी अपने विचार रखे।
जल जन जोड़ों अभियान के राष्ट्रीय संयोजक डा0 संजय सिंह ने सर्वप्रथम बताया कि आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि देव दीपावली या कार्तिक पूर्णिमा से यमुना नदी का गहरा संबंध है। ऐसा मानना है कि इस दिन लोग यमुना नदी में स्नान करने से पवित्र हो जाते हैं तथा इस दिन यमुना नदी के किनारे दीप जलाने से आध्यात्मिक शांति तो मिलती ही है साथ ही इससे भगवान विष्णु व शिव भी प्रसन्न हो जाते हैं।
बताया कि नदियां हमारे जीवन का आधार है हमें इनकी रक्षा करनी चाहिए। आज नदियों को कई खतरों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और बांधों से निर्माण से नदियों का नुकसान हो रहा है। इन खतरों के प्रति हम सबको जागरूक होने की जरूरत है। आइए हम सब मिलकर नदियों को साफ और स्वस्थ्य रखने का संकल्प लें। कहा कि यमुना नदी भारत की प्रमुख नदियों में से एक है जो लगभग 1376 किमी लंबी है जो पांच राज्यों से होकर गुजरती है। आज यह नदी पेयजल आपूर्ति के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
इसके बाद उपस्थित सभी ग्रामीणों को नदी संरक्षण, संबर्द्धन, निर्मल और स्वच्छ बनाये रखने के लिए शपथ दिलाई गई बाद मंे जल सहेलियों ने यमुना मैया की 11 घी के दिये जलाकर पूजा अर्चना की।
इस मौके पर रामपुरा ब्लाक की जल सहेलियों एवं यमुना में डुबकी लगाने आये श्र्द्धालुओं सहित तीन सैकड़ा से अधिक लोगों ने सहभागिता की। परमार्थ संस्थान से अंतिम झा, किशन कुमार गुप्ता, शिवमंगल सिंह, संतोष कुमार, सुरजीत कुमार, कल्याण सिंह, भूपेन्द्र पटेल, जूली देवी व सोनम आदि उपस्थित रहे।







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