माधौगढ़- क्षेत्र में बिजली विभाग की मनमानी और अधिकारियों के अभद्र व्यवहार से उपभोक्ताओं का सब्र अब टूटता दिखाई दे रहा है। गलत बिल, समस्याओं का समय पर समाधान न होना और कार्यालयों में उपभोक्ताओं को अनसुना कर देना विभाग की आम कार्यशैली बन चुकी है। स्थिति यह है कि उपभोक्ता अपनी ही समस्या के समाधान के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
सबसे ताज़ा मामला गोहन क्षेत्र के निवासी माताप्रसाद का सामने आया है, जिन्होंने बताया कि उन्होंने अपना विद्युत कनेक्शन आधिकारिक रूप से कटवा दिया था और फाइनल पीडी भी बन चुकी है। लाइनमैन मीटर और लाइन हटाकर उसका लिखित प्रमाण भी दे चुका है, इसके बावजूद बिजली बिल लगातार उनके नाम से जनरेट हो रहा है।
माताप्रसाद का कहना है कि वे कई बार एसडीओ कार्यालय गए, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। शिकायतें दर्ज करने पर भी समाधान के स्थान पर टालमटोल और अभद्र व्यवहार का सामना करना पड़ा।
क्षेत्र के अन्य उपभोक्ताओं ने भी बताया कि गलत बिल आने, कनेक्शन से जुड़ी समस्याएँ, या मीटर संबंधी मामलों में सुधार कराने के लिए उपभोक्ताओं को दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ते हैं, और “ऑफिस में फीलगुड” यानी अनौपचारिक लेन-देन की प्रवृत्ति आम होती जा रही है।
इस मामले पर स्थानीय विधायक मूलचंद निरंजन ने भी एसडीओ उमाशंकर को उनके व्यवहार में सुधार लाने की कड़ी हिदायत दी थी। लेकिन क्षेत्रवासियों का कहना है कि चेतावनियों का कोई असर दिखाई नहीं दे रहा और एसडीओ का रवैया जस का तस बना हुआ है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्तमान समय में सबसे अधिक भ्रष्टाचार के आरोप बिजली विभाग पर लग रहे हैं। यह विभाग सीधे तौर पर आम जनता से जुड़ा हुआ है और इसके कारण बार-बार सरकार को भी आलोचना का सामना करना पड़ता है।
उपभोक्ताओं ने मांग की है कि विभाग में तत्काल सुधार किया जाए और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो, ताकि आम जनता को राहत मिल सके।







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