उरई (जालौन), 27 नवंबर 2025 राजकीय मेडिकल कॉलेज जालौन के बाल रोग विभाग में आज “नवजात शिशु सुरक्षा एवं स्वास्थ्य” विषय पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नवजात शिशुओं की माताओं के साथ-साथ दादी-नानी भी बड़ी संख्या में शामिल हुईं।
मुख्य अतिथि एवं मेडिकल कॉलेज प्रधानाचार्य प्रो. अरविंद त्रिवेदी ने सरकार की मातृ-शिशु कल्याण योजनाओं की विस्तृत जानकारी देते हुए सभी माताओं से इनका अधिकाधिक लाभ लेने का आह्वान किया।
बाल रोग विभागाध्यक्ष एवं जालौन बाल रोग अकादमी के अध्यक्ष डॉ. जी.एस. चौधरी ने कहा, “जन्म के तुरंत बाद और पहले छह माह तक शिशु के लिए मां का दूध ही सबसे उत्तम और पूर्ण आहार है। यह पोषण के साथ-साथ रोगों से भी सुरक्षा देता है।”
डॉ. दिव्या पिपरिया ने कम वजन एवं समय पूर्व जन्मे शिशुओं के लिए कंगारू मदर केयर (KMC) की तकनीक पर प्रकाश डाला और बताया कि मां की छाती से त्वचा का संपर्क (Skin-to-Skin Contact) शिशु के तापमान, सांस और विकास को स्थिर रखता है तथा जीवन रक्षा में बेहद कारगर है।
डॉ. संतोष कुमार लोधी ने नवजात सुरक्षा की जरूरी सावधानियां गिनाईं:
- बच्चे को हमेशा गर्म रखें
- जन्म के एक घंटे के अंदर मां का दूध जरूर पिलाएं
- आंखों में काजल बिल्कुल न लगाएं
- अगर बच्चा दूध न पी रहा हो, बहुत सुस्त हो, सांस तेज चले या शरीर ठंडा पड़ रहा हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
इन लक्षणों को उन्होंने “डेंजर साइन्स” बताते हुए तत्काल चिकित्सकीय मदद लेने की सलाह दी।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. छवि जायसवाल ने किया। इस दौरान चिकित्सा अधीक्षक डॉ. प्रशांत निरंजन, बाल रोग विभाग के सभी चिकित्सक, रेजिडेंट डॉक्टर, एमबीबीएस एवं बीएससी नर्सिंग छात्र-छात्राएं, नर्सिंग ऑफिसर एवं अन्य स्टाफ उपस्थित रहे।
मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य के प्रति यह जागरूकता कार्यक्रम अत्यंत सराहनीय रहा और सभी माताओं-परिजनों ने इसे उपयोगी ज्ञान से भरपूर बताया।







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