उरई (जालौन), 5 दिसंबर 2025: जिले के रामपुरा थाना क्षेत्र के खेराई उमरी गांव में गुरुवार रात को एक दर्दनाक हादसा टल गया। एक बरात ले जाने वाली बस में शॉर्ट सर्किट के कारण भीषण आग लग गई, जो पूरी तरह जलकर खाक हो गई। सौभाग्य से बस में उस समय केवल ड्राइवर और हेल्पर ही सवार थे, जिन्होंने आग की लपटें देखते ही तुरंत बस से कूदकर अपनी जान बचा ली। यदि बराती सवार होते तो भयानक जनहानि हो सकती थी।
घटना की पूरी कड़ियां: रात के सन्नाटे में उठीं आग की लपटें
रिपोर्ट्स के अनुसार, गुरुवार रात करीब 10 बजे खेराई उमरी के मुख्य मार्ग पर खड़ी एक प्राइवेट ट्रैवल्स की बस में अचानक शॉर्ट सर्किट हो गया। बस को अगले दिन होने वाली एक स्थानीय बरात के लिए तैयार किया जा रहा था, और वह पार्किंग में खड़ी थी। ड्राइवर रामू (निवासी उमरी) और हेल्पर श्यामू (निवासी रामपुरा) बस के पास ही थे, जब इंजन के पास से धुआं निकलने लगा। कुछ ही पलों में आग की लपटें भड़क उठीं, जो तेजी से पूरे वाहन में फैल गई।
ड्राइवर रामू ने बताया, “हम बस को साफ कर रहे थे तभी अचानक चिंगारी निकली। मैंने श्यामू को चिल्लाकर बाहर निकाला और खुद भी कूद पड़े। आग इतनी तेज थी कि बस के अंदर घुसना नामुमकिन था।” दोनों ने तुरंत ग्रामीणों को सूचना दी, लेकिन तब तक बस पूरी तरह जल चुकी थी। आग बुझाने के प्रयासों में ग्रामीणों ने पानी और मिट्टी का इस्तेमाल किया, लेकिन वाहन को बचाया नहीं जा सका। फायर ब्रिगेड की टीम उरई से पहुंची, लेकिन आग पर काबू पा चुका था।
पुलिस ने प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को ही हादसे का मुख्य कारण बताया है। रामपुरा थाने के प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार ने कहा, “बस की इलेक्ट्रिकल वायरिंग पुरानी होने से शॉर्ट सर्किट हुआ लगता है। हम वाहन मालिक से पूछताछ कर रहे हैं और मामला दर्ज करने की प्रक्रिया में हैं। सौभाग्य से कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन यह चेतावनी है कि पुराने वाहनों की जांच जरूरी है।”
टला बड़ा हादसा: बरात कल रवाना होनी थी
यह बस स्थानीय एक बरात के लिए किराए पर ली गई थी, जो शुक्रवार सुबह रवाना होनी थी। बरात के आयोजक, उमरी के ही किसान रामस्वरूप ने बताया, “हमने बस सुबह ही बुक की थी। रात को ही यह हादसा हो गया। अब दूसरी बस का इंतजाम कर रहे हैं, लेकिन यह घटना डरावनी है। यदि बराती सवार होते तो क्या होता?” ग्रामीणों का कहना है कि इलाके में अक्सर पुरानी बसों का इस्तेमाल बरातों के लिए होता है, जो जोखिम भरा है।
स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि सुनीता देवी ने चिंता जताते हुए कहा, “गांव में ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। प्रशासन को पुराने वाहनों पर सख्ती बरतनी चाहिए। कम से कम फायर एक्सटिंग्विशर की व्यवस्था तो होनी ही चाहिए।” इस हादसे से गांव में सनसनी फैल गई, और शुक्रवार सुबह ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे।
सुरक्षा उपायों की जरूरत: विशेषज्ञों की राय
ट्रैफिक विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रामीण इलाकों में बरातों के लिए किराए की बसों में इलेक्ट्रिकल सिस्टम की जांच न होना एक बड़ी समस्या है। जिला परिवहन अधिकारी ने बताया कि विभाग द्वारा समय-समय पर वाहन चेकिंग अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन रात्रिकालीन पार्किंग में होने वाले हादसों पर नजर रखना चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने अपील की कि वाहन मालिक अपनी बसों की वार्षिक सर्विसिंग कराएं और इंश्योरेंस अपडेट रखें।
यह घटना जिले के लिए एक सबक है, जहां बरात का मौसम चल रहा है। प्रशासन ने निर्देश जारी किए हैं कि सभी थानों को ऐसी बसों की निगरानी बढ़ाने को कहा गया है। सौभाग्य से केवल संपत्ति का नुकसान हुआ, लेकिन यह चेतावनी देता है कि लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।







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