भारतीय भाषा उत्सव में सजी विविध भाषी कवि सम्मेलन की महफिलहिंदी, उर्दू, संस्कृत सहित लोकभाषाओं की कविताओं ने श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध

उरई | भारतीय भाषा उत्सव के तहत उरई के राजकीय इंटर कॉलेज में आयोजित विविध भाषी कवि सम्मेलन ने भाषाई विविधता और सांस्कृतिक धरोहर का अनूठा संगम प्रस्तुत किया। बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में हिंदी, उर्दू, संस्कृत, भोजपुरी और बुंदेली जैसी भाषाओं की कविताओं ने देर शाम तक श्रोताओं को मंत्रमुग्ध रखा।महानिदेशक स्कूल शिक्षा के मार्गदर्शन में संचालित इस उत्सव के अंतर्गत सुप्रसिद्ध कवि पुष्पेंद्र पुष्प के संयोजन में यह कवि सम्मेलन संपन्न हुआ। 15 से अधिक कवियों ने अपनी रचनाओं से भाषायी गौरव और भारतीय संस्कारों की झलक दिखाई।वरिष्ठ कवि विवेकानंद श्रीवास्तव और रामशंकर गौर ने संस्कृत में सस्वर गीतों का पाठ कर वातावरण को भावपूर्ण बना दिया। उर्दू काव्य में अख्तर जलील, प्रिया दिव्यम और शमीम अफसर की रचनाओं पर तालियों की गूंज सुनाई दी।हिंदी में व्यंजना सिंह, अनूप शर्मा ‘अनुपम’, शिरोमणि सोनी, प्रियंका शर्मा, दीप्ति गुर्जर, कमलेश कलाकंद, सौरभ निरंजन, उदय करन राजपूत और निक्की निरंजन ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया। वहीं, संजीव त्यागी ने भोजपुरी और दीपेंद्र सिंह ने बुंदेली में कविता पाठ कर लोकभाषाओं की मधुरता बिखेरी।कार्यक्रम की अध्यक्षता राजकीय इंटर कॉलेज डकोर के प्रधानाचार्य सुनील कुमार सरोज ने की। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन भारतीय भाषाओं के संरक्षण एवं संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस अवसर पर कदौरा जीआईसी के प्रधानाचार्य नीरज कुमार, दमरास जीआईसी के प्रधानाचार्य डॉ. कनौजिया तथा बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग के सैकड़ों शिक्षक उपस्थित रहे।यह कवि सम्मेलन भारतीय भाषाओं की समृद्धि और एकता का प्रतीक बनकर उभरा, जो स्थानीय स्तर पर सांस्कृतिक जागरण का उत्कृष्ट उदाहरण है।

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