पंचनद कंजौसा में “यमुना संवाद एवं विमर्श” भजन संध्या सम्पन्न, यमुना संरक्षण को लेकर जल सहेलियों की 500 किमी पदयात्रा का संदेश

जगम्मनपुरउरई।
बीती शाम कंजौसा में बाबा साहब के मंदिर के पास स्थित पंचनद तट पर “एक शाम यमुना के नाम” यमुना संवाद एवं विमर्श भजन संध्या कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य 29 जनवरी से 28 फरवरी तक जल सहेलियों द्वारा पंचनद कंजौसा से दिल्ली तक प्रस्तावित लगभग 500 किलोमीटर लंबी यमुना संरक्षण पदयात्रा के माध्यम से आमजन को यमुना नदी की वर्तमान स्थिति से अवगत कराना तथा जल संरक्षण को लेकर संवाद व विमर्श स्थापित करना रहा।

कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार के साथ की गई। आचार्य रवि शुक्ला के नेतृत्व में पांच आचार्यों द्वारा विधिवत पूजन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इसके पश्चात यमुना पदयात्रा कलश का पूजन किया गया, जिसने आयोजन को आध्यात्मिक गरिमा प्रदान की।

भजन संध्या में मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध गायक नीलम यादव ने सुप्रसिद्ध गीतकार एवं संगीतकार रविंद्र जैन की रचनाओं को अपनी मधुर आवाज में प्रस्तुत किया। “सुनो रे राम कहानी” से शुरू हुई भजन संध्या में एक दर्जन से अधिक भजनों की प्रस्तुति देकर उन्होंने सैकड़ों श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी राजेश पाण्डेय ने कहा कि मां गंगा, यमुना और उनकी सहायक नदियों के संरक्षण के लिए केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन सबसे बड़ी जरूरत जन-जागरूकता और जन-भागीदारी की है। जब तक समाज सक्रिय रूप से जुड़कर नदियों, तालाबों, पोखरों और अन्य जलस्रोतों को स्वच्छ रखने का संकल्प नहीं लेगा, तब तक स्थायी समाधान संभव नहीं है। उन्होंने जल सहेलियों की यमुना पदयात्रा को जन-जागरूकता का अनूठा उदाहरण बताया।

विशिष्ट अतिथि पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार ने कहा कि जीवन के लिए हवा जितनी आवश्यक है, उतना ही पानी और मिट्टी का महत्व है। इनमें से किसी एक के दूषित होने पर गंभीर बीमारियां जन्म लेती हैं और मानव अस्तित्व पर संकट खड़ा हो सकता है। उन्होंने सभी से अपनी जीवनदायिनी नदियों को स्वच्छ और अविरल बनाए रखने में सहभागी बनने का आह्वान किया।

जल जन जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक एवं जल सहेलियों की यमुना पदयात्रा के प्रेरणास्रोत डॉ. संजय सिंह ने कहा कि बड़ी नदियों को निर्मल और अविरल बनाए रखने के लिए उनकी सहायक नदियों के संरक्षण पर समान रूप से ध्यान देना आवश्यक है। आज अनेक छोटी नदियां, तालाब, पोखर और प्राकृतिक जलस्रोत समाप्त होते जा रहे हैं, जिससे यह मुहिम और भी जरूरी हो गई है। उन्होंने समाज से सामूहिक प्रयास करने का आग्रह किया।
उन्होंने यह भी बताया कि इस ऐतिहासिक यमुना पदयात्रा का उत्साहवर्धन करने के लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल एवं प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के आगमन की भी पूरी संभावना है।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी के.के. सिंह, आचार्य तेजस, करण सिंह परासन, अनिल सिंह, वरुण सिंह, कमल लिखधारी, जल सहेली मायादेवी (सोनपुरा), किरन तिहार, सीमा, जुली, प्रभा सिंह, ममता गुप्ता, मुन्नी देवी, पूजा निषाद, वरिष्ठ पत्रकार अनिल शर्मा, दीपक अग्निहोत्री, रामपुरा ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह सेंगर, उद्योपगति शीतल सिंह सहित अनेक गणमान्य लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम में बुंदेलखंड की जल सहेलियों ने संकल्प लिया कि वे यमुना पदयात्रा के माध्यम से समाज और समुदाय के बीच जल संरक्षण के प्रति सकारात्मक वातावरण तैयार करेंगी और यमुना नदी को पुनः अविरल एवं निर्मल बनाने के लिए निरंतर जन-जागरूकता अभियान चलाती रहेंगी। जल सहेलियां पिछले कई वर्षों से बुंदेलखंड क्षेत्र में जल संरक्षण के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।

समापन अवसर पर यमुना मैया की आरती की गई। इसके साथ ही भजन संध्या का भावपूर्ण समापन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों ने सहभागिता की। आयोजन में पांच सौ से अधिक जल सहेलियों की भागीदारी ने कार्यक्रम को ऐतिहासिक और प्रेरणादायी बना दिया।

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