जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी सख्त, कार्य में तेजी लाने के निर्देश

उरई।
जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में जल जीवन मिशन के अंतर्गत संचालित हर घर जल योजना की प्रगति की गहन समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह योजना केंद्र और राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है, इसलिए प्रत्येक ग्रामीण परिवार तक शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

जिलाधिकारी ने कार्यदायी एजेंसियों की सुस्त प्रगति पर कड़ी नाराजगी जताते हुए चेतावनी दी कि यदि निर्धारित समयसीमा में कार्य पूर्ण नहीं हुआ तो जिम्मेदारी तय कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि एजेंसियां तत्काल मेनपावर बढ़ाकर रोड रेस्टोरेशन, लीकेज मरम्मत और जल आपूर्ति से जुड़े सभी लंबित कार्यों में तेजी लाएं।

उन्होंने कहा कि लीकेज की शिकायतों का निस्तारण 48 घंटे के भीतर अनिवार्य रूप से किया जाए। साथ ही विद्यालयों और आंगनवाड़ी केंद्रों में स्टैंड पोस्ट अधिष्ठापन का कार्य समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने के निर्देश दिए।

समीक्षा के दौरान जीवीपीआर और बीजीसीसी एजेंसियों की कई गंभीर लापरवाहियां सामने आईं। समय पर लीकेज मरम्मत न होने से कई गांवों में मटमैला पानी आपूर्ति की शिकायतें मिलीं। विद्यालयों और आंगनवाड़ी केंद्रों में अधिष्ठापन कार्य बेहद धीमा पाया गया। इसके अलावा डब्ल्यूटीपी पर तकनीकी स्टाफ की तैनाती नहीं, अनुबंध के बावजूद कंट्रोल रूम और वाटर एम्बुलेंस की व्यवस्था न होना, तथा कई महत्वपूर्ण गांवों में पेयजल आपूर्ति बाधित रहने जैसे मुद्दे भी उजागर हुए।

जिलाधिकारी ने दो टूक कहा कि अब कार्य की रफ्तार बढ़ाना अनिवार्य है। जल जीवन मिशन का उद्देश्य हर ग्रामीण परिवार को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना है, और इस दिशा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी के.के. सिंह, अपर जिलाधिकारी (नमामि गंगे) प्रेमचंद मौर्य, अधिशासी अभियंता जल निगम (ग्रामीण) अंचल गुप्ता सहित संबंधित अधिकारी एवं कार्यदायी एजेंसियों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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